7 अक्टूबर के बाद से गाजा में जिसने हाथ डाला है, उसने अपना हाथ जलाया है। इजरायल को जिसने भी अब तक रोकने की कोशिश की उसे नेतन्याहू ने सिर्फ एक जवाब दिया कि जब तक हमास को खत्म नहीं करेंगे तब तक युद्ध जारी रहेगा। बंधकों को छुड़ाने के लिए सीज फायर तो कर दिया गया। गाजा और वेस्ट बैंक से बंधकों और कैदियों को छुड़ाने की तस्वीरें भी आई। जश्न भी खूब मनाया गया लेकिन आगे क्या होगा? अब तक इजरायल को डराने में ईरान फेल हो चुका है। हमास लेकर हिज्बुल्ला और यमन के हूती भी नाकाम रहे हैं। सऊदी अरब और बाकी अरब देशों की जुबान पर भी ताला लगा है। इजरायल के खिलाफ पुतिन भी खुलकर सामने नहीं आए। इजरायल अमेरिका के बस में पूरी तरह से नहीं है।
इसे भी पढ़ें: Israel-Hamas War Year Ender: इज़राइल ने हमास युद्ध में क्या खोया-पाया, भारत के लिए क्या सबक
इजरायल को कौन रोकेगा?
इसका एक जवाब आया है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की टेंशन दोगुनी होने जा रही है। अब अमेरिका का सबसे बड़ा दुश्मन इस महायुद्ध में कूद गया है। इजरायल हार जाए इसके लिए चीन ने एक बहुत ही बड़ा कदम उठाया है। चीन ने कहा है कि वो गाजा पर फैसला करेगा। उसने कहा है कि वो फिलिस्तीन का ख्वाब पूरा करेगा। इसलिए चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई है। इसमें वो गाजा से लेकर हमास और इजरायल से लेकर नेतन्याहू तक सबका हिसाब करना चाहता है।
इसे भी पढ़ें: इजरायल अटैक के बाद पहली बार आया हमास के ‘मास्टरमाइंड’ याह्या सिनवार का संदेश, भयंकर, हिंसक और
इजरायल के खिलाफ चीन का बड़ा मोर्चा
चीन दावा कर रहा है कि वो अब हमास और इजरायल के बीच पावरब्रोकर बनेगा और इस युद्ध को खत्म करेगा। चीन ऐसा सऊदी अरब और ईरान के साथ पहले कर चुका है। अब चीन ऐसा ही फैसला इजरायल और फिलिस्तीन के बीच करना चाहता है। शी जिनपिंग अमेरिका को दिखाना चाहते हैं कि वो ही सुपरपावर हैं। चीन इस मुद्दे को यूएन में लाकर इजरायल को ऐसे घेरना चाहता है कि नेतन्याहू बच न पाए। हालांकि ऐसा होने से इसे इजरायल की बड़ी हार मानी जाएगी। वैसे दिलचस्प है कि अब तक संयुक्त राष्ट्र में इजरायल फिलिस्तीन पर 36 बार प्रस्ताव आया है जिसमें 34 बार अमेरिका ने वीटो का इस्तेमाल कर इजरायल को बचाया है।