हमास के साथ जंग में अब इजरायली पीएम नेतन्याहू पर बंधकों की वापसी का दवाब भी बढ़ता जा रहा है। इजरायल में उनके इस्तीफे की मांग तेज हो गई है। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दबाव इतना ज्यादा है कि बेंजामिन सरकार ने बंधकों की अदला-बदली पर हरी झंडी दे दी है। लेकिन हमास ऐसी कड़ी शर्ते रख रहा है जिन्हें मानने से फिलहाल तो सीजफायर हो सकता है। लेकिन भविष्य में इजरायल के लिए संकट बढ़ सकता है।
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बंधकों की रिहाई के लिए इजरायल ने शॉर्ड्स ऑफ आयरन शुरू किया। लेकिन अभी भी हमास की कैद में 120 से ज्यादा बंधक हैं। इन बंधकों की रिहाई के लिए बेंजामिन सरकार पर दवाब बढ़ता जा रहा है। तेल अवीव सहित इजरायल के अलग-अलग शहरों में बंधकों की रिहाई के लिए प्रदर्शन हो रहे हैं। जब तक बंधकों की रिहाई नहीं होती तब तक बेंजामिन सरकार को चैन की सांस नहीं मिलने वाली है। इजरायल के नेता प्रतिपक्ष ने बेंजामिन नेतन्याहू के इस्तीफे की मांग की है। इजरायल की जनता भी प्रधानमंत्री से इस्तीफा मांग रही है।
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70 दिन से ज्यादा की जंग के बाद भी इजरायली सेना हथियारों के दम पर एक भी बंधक नहीं छुड़ा पाई। बल्कि गलती के चलते 3 बंधकों की मौत हो गई। इजरायल ने बढ़ते हुए दबाव को देखते हुए मोसाद चीफ डेविड मार्नेिया को बंधकों की रिहाई पर बातचीत आगे बढ़ाने के निर्देश दे दिए। मोसाद चीफ ने कतर के सुल्तान से बात की है। इजरायल ने पक्ष रखा है कि बंधकों की रिहाई पर बात आगे बढ़ाई जाए। इजरायल की इस पहल के बाद हमास ने अपनी शर्तें रख दी हैं। हमास ने कहा है कि बंधकों के बदले इजरायल को फिलिस्तीनी रिहा करने होंगे। रिहा होने वाले लोगों के लिस्ट की अदला बदली एक दिन पहले होगी। एक सैनिक के बदले इजरायल को 300 फिलिस्तीनी रिहा करने होंगे। इजरायल एक सैनिक के बदले फिलिस्तीनियों की रिहाई की संख्या पर चर्चा कर रहा है। हमास ने शर्त रखी है इजरायल को हमास के बड़े नेता मार्वेन बरगोती को रिहा करना होगा। गाजा में बरगोती को इस्माइल हानिया से ज्यादा पॉपुलर नेता माना जाता है।