उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अपनी सेना से कहा कि अगर अमेरिका और दक्षिण कोरिया उसके खिलाफ उकसावे की कार्रवाई करते हैं तो उनका ‘‘नामोनिशान मिटा’’ देना चाहिए।’’ सरकारी मीडिया ने सोमवार को यह जानकारी दी।
सरकारी मीडिया ने बताया कि इसके साथ ही किम ने अमेरिकी नेतृत्व वाले अभूतपूर्व टकराव से निपटने के लिए राष्ट्रीय रक्षा को मजबूत करने का संकल्प जताया है।
अमेरिका-दक्षिण कोरियाई सैन्य अभ्यास के विस्तार के जवाब में उत्तर कोरिया ने हाल के महीनों में इस तरह की बयानबाजी तेज कर दी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि नवंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले तक उत्तर कोरिया इस तरह की बयानबाजी और हथियारों का परीक्षण जारी रख सकता है।
पिछले सप्ताह सत्तारूढ़ दल की पांच दिवसीय बैठक में किम ने कहा कि वह इस साल तीन और सैन्य जासूसी उपग्रह का प्रक्षेपण करेंगे, अधिक परमाणु हथियारों का उत्पादन करेंगे और हमला करने वाले ड्रोन तैयार करेंगे। पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह प्रयास भविष्य में अमेरिका पर कूटनीतिक दबाव बढ़ाने के लिए है।
सेना के कमांडिंग अधिकारियों के साथ रविवार को हुई बैठक में किम ने देश के परमाणु हथियारों के संदर्भ में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा की खातिर ‘‘सबसे कीमती हथियार’’ को हमले के लिए तैयार रखना जरूरी है।
आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के अनुसार, किम ने इस बात पर जोर दिया अगर वे (अमेरिका, दक्षिण कोरिया) उत्तर कोरिया के खिलाफ उकसावे की कार्रवाई करते हैं तो ‘‘हमारी सेना को बिना हिचक अपने सभी प्रमुख संसाधनों को जुटाकर उनका नामोनिशान मिटाने के लिए जवाबी हमला करना चाहिए।’’
उधर, नव वर्ष के मौके पर सोमवार को अपने संबोधन में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने कहा कि वह उत्तर कोरियाई परमाणु खतरे से निपटने के लिए अपनी सेना को पूरी तरह तैयार रखने, मिसाइल रक्षा प्रणाली और जवाबी कार्रवाई क्षमताओं को मजबूत करने पर जोर देंगे।
यून ने दक्षिण कोरिया के आधिकारिक नाम का उपयोग करते हुए कहा, ‘‘कोरिया गणराज्य अपने आप को मजबूत करके वास्तविक, स्थायी शांति के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ा रहा है, न कि ऐसी शांति जो विरोधी के सद्भाव पर निर्भर हो।