जोहानिसबर्ग। क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) ने रविवार को देश के बेहतरीन आल राउंडर में शुमार माइक प्रोक्टर के निधन पर शोक व्यक्त किया। वह 77 वर्ष के थे। प्रोक्टर एक बेहतरीन तेज गेंदबाज और मध्यक्रम बल्लेबाज थे। वह ऑफ स्पिन गेंदबाजी भी कर लेते थे। दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट इतिहास में इस चतुर कप्तान ने हर तरह की भूमिका निभायीं। उन्होंने टीम के कोच, प्रशासक, चयनकर्ता, कमेंटेटर, आईसीसी एलीट मैच रैफरी के तौर पर खेल की सेवा की। अंतिम वर्षों में वह वंचित बच्चों को कोचिंग देते थे। वह रंगभेद के बाद के युग में दक्षिण अफ्रीका के कोच थे। उन्होंने केवल सात टेस्ट खेले लेकिन प्रथम श्रेणी में उन्होंने 401 मैच खेले।
सीएसए के अध्यक्ष रिहान रिचर्ड्स ने एक बयान में कहा, ‘‘माइक सिर्फ मैदान के अंदर ही दिग्गज नहीं थे बल्कि वह इससे बाहर भी उम्मीद और प्रेरणा की किरण थे। खेल को बदलने की प्रतिबद्धता, हमारी जनसंख्या के सभी तबकों में खेल का विकास सुनश्चित करना और डरबम में सैकड़ों वंचित युवाओं का मार्गदर्शन करना उनके व्यक्तित्व और क्रिकेट के प्रति जुनून का प्रमाण है। ’’ प्रोक्टर की उपलब्धियों में एक ही मैच में दो बार हैट्रिक लेना और एक शतक जड़ना शामिल है। रोडेसिया के लिए छह लगातार करी कप शतकों का विश्व रिकार्ड उनकी असाधारण प्रतिभा और खेल पर प्रभाव को दर्शाते हैं।
रंगभेद के खिलाफ बहिष्कार के कारण वह सीमित टेस्ट ही खेल सके लेकिन नटाल, ग्लोस्टरशर और ‘वेस्टर्न प्रोविंस’ के लिए खेलते हुए उन्होंने प्रशंसकों का मनोरंजन किया। सीएसए ने बयान में कहा, ‘‘क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका इस मुश्किल समय में प्रोक्टर की पत्नी मारिना और उनके बच्चों ग्रेग, जेसिका और टैमी के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता है। उनका निधन क्रिकेट की दुनिया के लिए बड़ी क्षति है लेकिन बतौर खिलाड़ी, कोच, मेंटोर और खेल में बदलाव और विकास के चैम्पियन के रूप में विरासत हमेशा याद रखी जायेगी।