सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक के वीकली राउंड अप में इस सप्ताह कानूनी खबरों के लिहाज से काफी उथल-पुथल वाला रहा है। मैतीई समुदाय को एसटी लिस्ट में शामिल करने का आदेश हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव के नतीजे पलट दिए। दिल्ली हाईकोर्ट ने गोपनीय सूचना लीक करने से जुड़े मामले में महुआ मोइत्रा की याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से सवाल पूछा कि ईडी के समन से राज्य सरकार व्यथित क्यों है? इस सप्ताह यानी 19 फरवरी से 24 फरवरी 2024 तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।
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मैतेई समुदाय को ST सूची में डालने का आदेश रद्द
मणिपुर हाई कोर्ट ने मार्च 2023 में दिए गए फैसले के उस पैरा को हटाने का आदेश दिया है जिसमें राज्य सरकार से मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) की लिस्ट में शामिल करने पर विचार करने को कहा गया था। अदालत ने कहा कि यह पैरा सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच द्वारा इस मामले में रखे गए रुख के विपरीत है। ऐसा माना जाता है कि हाई कोर्ट के 27 मार्च 2023 को दिए गए निर्देश के बाद राज्य में जातीय संघर्ष शुरू हो गया था। 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इस संघर्ष में 200 से अधिक लोगों की जान चली गई। जस्टिस गोलमेई गैफुलशिलु की सिंगल बेंच ने बुधवार को एक रिव्यू पिटिशन की सुनवाई के दौरान यह हिस्सा हटा दिया।
महुआ की याचिका खारिज
दिल्ली हाई कोर्ट ने टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा की ईडी के खिलाफ याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि मोइत्रा पूर्व सांसद होने के साथ एक लोकप्रिय हस्ती हैं। जनता लोकप्रिय हस्ती से जुड़ी किसी भी खवर को जानने की हकदार है। समाज के प्रति लोकप्रिय हस्तियो की जवाबदेही ज्यादा है और वे उच्च स्तर पर जांच के अधीन है। तृणमूल कोर्ट ने कहा कि जनता लोकप्रिय हस्ती से जुड़ी खबर को जानने की हकदार है। टीएमसी नेता ने इंडी पर उनसे जुड़ी ‘गोपनीय सूचना’ मीडिया में लीक करने का आरोप लगाते हुए कोर्ट को रुख किया था। मोइत्रा ने याचिका में आरोप लगाया कि इस वारे में उन्हें समन मिलने से पहले ही इसकी खवर अखवारों में प्रकाशित हो गई और ऐसा ईडी द्वारा मीडिया में सूचना लीक करने की वजह से हुआ। ईडी ने आरोपों का खंडन किया।
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सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव का पलटा नतीजा
सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव के परिणाम को पलटते हुए आप-कांग्रेस गठबंधन के हारे हुए उम्मीदवार कुलदीप कुमार को नया मेयर घोषित कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में गंभीर खामियां पाए जाने के वाद पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह के खिलाफ क्रिमिनल कार्रवाई का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन आठ बैलट को पीठासीन अधिकारी ने अमान्य किया, वे आप उम्मीदवार के फेवर में थे। इस तरह उन्हें 20 वोट मिले हैं। उन्हें मेयर घोषित किया जाता है। अदालत ने कहा, हम पूरी चुनावी प्रक्रिया को रद्द नहीं कर रहे।। द को काउंटिंग में गड़बड़ी से निपटने हम खुद तक सीमित रख रहे है, जिसकी वजह से कुलदीप के पक्ष में पड़े आठ वोट अमान्य हुए। पूरी चुनावी प्रक्रिया को खारिज करना लोकतांत्रिक सिद्धांत के लिए विनाशकारी होगा क्योंकि ये सव पीठासीन अधिकारी के गलत आचरण से हुआ। इससे पहले कोर्ट ने बैलट और काउंटिंग की रेकॉर्डिंग देखी।
राज्य सरकार ईडी के समन से परेशान क्यों
सुप्रीम कोर्ट ने 23 फरवरी को कथित अवैध रेत खनन-मनी लॉन्ड्रिंग के संबंध में जिला कलेक्टरों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी समन को चुनौती देते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष एक रिट याचिका दायर करने की तमिलनाडु सरकार की स्थिति पर सवाल उठाया। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उच्च न्यायालय के 28 नवंबर के फैसले के खिलाफ दायर एक विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्रीय एजेंसी द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मामला, जांच जारी रखने की अनुमति देते हुए जिला कलेक्टरों को जारी किए गए समन के संचालन पर रोक लगा दी गई थी।
संदेशखाली में हुई हिंसा पर सरकार से मांगी रिपोर्ट
बंगाल के संदेशखाली में उबाल जारी रहने के बीच कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को पिछले साल पंचायत चुनावों के दौरान क्षेत्र से प्राप्त हिंसा की शिकायतों का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की खंडपीठ ने राज्य सरकार के वकील को मौखिक रूप से सूचित किया कि उन्हें स्पष्ट रूप से याद है कि पंचायत चुनावों के दौरान संदेशखाली में चुनावी हिंसा से संबंधित एक मामला उनकी पीठ को भेजा गया था।