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BJP में शामिल हुए Ritesh Pandey, सुबह दिया था BSP से इस्तीफा, पार्टी में टूट की खबरों पर भड़की मायावती

उत्तर प्रदेश के आंबेडकर नगर से सांसद रितेश पांडेय भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। बीजेपी दफ्तर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पार्टी का दामन थामा। भाजपा के यूपी प्रभारी बैजयंत पांडा, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने पांडेय का पार्टी में स्वागत किया। बता दें, पांडेय ने रविवार सुबह एक चिट्ठी लिखकर मायावती की बहुजन समाज पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। सांसद के इस्तीफे के बाद से उनके भाजपा में शामिल होने की खबरें थी।

रितेश पांडेय ने पार्टी बैठकों में नहीं बुलाये जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा, ‘लंबे समय से मुझे न तो पार्टी की बैठकों में बुलाया जा रहा था और न ही नेतृत्व के स्तर पर संवाद किया जा रहा था। मैंने आपसे तथा शीर्ष पदाधिकारियों से संपर्क करने के लिए, भेंट करने के अनगिनत प्रयास किए लेकिन कोई हल नहीं निकला। इस दौरान में अपने क्षेत्र में लोगों से और पार्टी कार्यकर्ताओं से लगातार मिलता रहा।’
उन्होंने आगे लिखा, ‘मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि पार्टी को मेरी सेवा और उपस्थिति की अब कोई जरूरत नहीं है इसलिए मेरे पास पार्टी से इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। पार्टी से नाता तोड़ने का फैसला भावात्मक रूप से कठिन फैसला है। आपसे आग्रह है कि मेरे इस त्यागपत्र को अविलंब स्वीकार किया जाए। मैं आपके और पार्टी के प्रति पुनः आभार व्यक्त करता हूं तथा शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं।’
 

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एक के बाद एक सांसदों के पार्टी छोड़ने के बाद बसपा में टूट की खबरों पर पार्टी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर अपनी भड़ास निकाली। मायावती ने सिलसिलेवार तरीके से एक के बाद एक कई ट्वीट कर अपने सांसदों को लताड़ लगायी। उन्होंने लिखा, ‘बीएसपी राजनीतिक दल के साथ ही परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के मिशन को समर्पित मूवमेन्ट भी है जिस कारण इस पार्टी की नीति व कार्यशैली देश की पूंजीवादी पार्टियों से अलग है जिसे ध्यान में रखकर ही चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार भी उतारती है।’
दूसरे ट्वीट में मायावती ने लिखा, ‘अब बीएसपी के सांसदों को इस कसौटी पर खरा उतरने के साथ ही स्वंय जाँचना है कि क्या उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता का सही ध्यान रखा? क्या अपने क्षेत्र में पूरा समय दिया? साथ ही, क्या उन्होंने पार्टी व मूवमेन्ट के हित में समय-समय पर दिये गये दिशा-निर्देशों का सही से पालन किया है?’ अगले ट्वीट में पार्टी सुप्रीमो ने लिखा, ‘3. ऐसे में अधिकतर लोकसभा सांसदों का टिकट दिया जाना क्या संभव, खासकर तब जब वे स्वंय अपने स्वार्थ में इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं व निगेटिव चर्चा में हैं। मीडिया द्वारा यह सब कुछ जानने के बावजूद इसे पार्टी की कमजोरी के रूप में प्रचारित करना अनुचित। बीएसपी का पार्टी हित सर्वोपरि।’

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