Breaking News
-
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता प्रज्ञा ठाकुर के वकील ने 3 अक्टूबर को मुंबई की…
-
झारखंड विधानसभा चुनाव में राज्य में बांग्लादेश से होने वाले घुसपैठ को भाजपा बड़ा मुद्दा…
-
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला…
-
नई दिल्ली। केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा है कि यह बहुत ही हास्यास्पद…
-
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को सरकार के खिलाफ विरोध…
-
ईरान इजरायल जंग के बीच भारतीय नौसेना को लेकर बहुत बड़ी खबर सामने आई है।…
-
हरियाणा में चुनाव प्रचार खत्म हो गया है। 5 अक्टूबर को 90 सीटों पर वोट…
-
यूनाइटेड किंगडम डिएगो गार्सिया में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण यूके-यूएस सैन्य अड्डे के भविष्य को…
-
कई वर्षों से जेवर विधानसभा क्षेत्र की खेरली हाफिजपुर नहर पर पुल बनाए जाने की…
-
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने दावा किया है कि हिंदुत्व विचारक विनायक…
भारत के स्टार बल्लेबाज शुभमन गिल के लिए इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज की शुरुआत अच्छी नहीं रही। वह ज्यादा रन नहीं बना सके थे, जिसके कारण उनकी टेस्ट टीम में जगह खतरे में थी। हालांकि, शुभमन गिल के पहले कोच और पिता लखविंदर का मानना है कि गेंदबाजों को फिर बाहर निकलकर खेलने से वह टेस्ट क्रिकेट में रन बना रहा है लेकिन उन्हें उसका तीसरे नंबर पर खेलने का फैसला पसंद नहीं है।
इंग्लैंड के खिलाफ शुरुआती टेस्ट मैच में शुभमन गिल ने सिर्फ 23 रन बनाए थे और एक पारी में खाता नहीं खोल सके थे। स्पिनर के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे। शुभमन गिल ने 12 पारियों से अर्धशतक नहीं लगाया था। लेकिन दूसरे मैच में शतक लगाकर उन्होंने आलोचकों को करार जवाब दिया। सलामी बल्लेबाज से तीसरे नंबर पर उतरने के बाद ये उनकी पहली बड़ी पारी थी।
शुभमन गिल के पिता लखविंदर ने पीटीआई से कहा उसके बाहर निकलकर खेलने से काफी फर्क पड़ा है। वह ये नहीं कर रहा था, जिससे दबाव बन गया था। अंडर-19 के दिनों से ही वह स्पिनरों और तेज गेंदबाजों को बाहर निकलकर खेलते आया है।
उन्होंने आगे कहा, ”जब आप अपना नेचुरल गेम नहीं खेलते तो आप मुश्किल में आ जाते हैं। पूरा खेल आत्मविश्वास का है, जब आप एक अच्छी पारी खेलते हो तो आप अपने सर्वश्रेष्ठ पर आ जाते हो। अंडर-16 के दिनों से वह काफी रन बना रहा है।”
शुबमन गिल के पिता का मानना है कि उनके बेटे को टेस्ट में ओपन करना चाहिए। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि ये उसका फैसला है और मैं उसमें दखल नहीं देता। उन्होंने कहा कि, उसे ओपन करते रहना चाहिए। मुझे लगता है कि ये सही नहीं है। जब आप ड्रेसिंग रुम में ज्यादा समय तक बैठते हो, जाहिर है दबाव बढ़ेगा। तीसरा नंबर ना तो ओपनर का है और ना ही मध्यक्रम का पोजिशन है और उसका गेम भी ऐसा नहीं है। ये चेतेश्वर पुजारा के लिए सही है। जोकि डिफेंसिव गेम खेलते हैं। जब गेंद नई होती है तो आपको ज्यादा खराब गेंदे मिलती हैं। जब आप 5-7 ओवर के बाद आते हैं गेंदबाज सेटल हो जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि, मैं उसके फैसलों में दखल नहीं देता। मैं सिर्फ उसके साथ ट्रेनिंग करता हूं। वह इतना बड़ा हो गया है कि अपने फैसले खुद ले सकता है। जब वह छोटा था तो मैं उसके लिए फैसले लेता था।