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नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि चुनावी बॉण्ड योजना को ‘रिश्वतखोरी को वैध बनाने’ और सत्तारूढ़ पार्टी को इसका सबसे बड़ा लाभार्थी बनाने के मकसद से तैयार किया गया था। चुनावी बॉण्ड के आंकड़े सार्वजनिक होने के बाद चिदंबरम ने यह टिप्पणी की है। उन्होंने ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव-2024’ में कहा, ‘‘जिस दिन चुनावी बॉण्ड योजना सामने लाई गई थी, उसी दिन मैंने कहा था कि यह वैध रिश्वतखोरी है। मैं अब भी उस पर कायम हूं। बेहतर प्रणाली एक बहु-आयामी प्रणाली होती है।’’
चिदंबरम ने कहा, ‘‘चुनाव लोकतंत्र का पर्व है। इसमें बहुत सारी बयानबाजी, गीत-नृत्य, भाषण होने चाहिए… चुनाव आयोग ने सब कुछ प्रतिबंधित कर दिया है… उम्मीदवारों के लिए खर्च की बड़ी सीमा की अनुमति दें। इतनी कम रकम पर कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकता और जीत नहीं सकता।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाने के बजाय चुनावी बॉण्ड योजना पेश की गई, जो ‘‘रिश्वतखोरी को वैध बनाने’’ और यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार की गई थी कि सत्तारूढ़ दल इसका सबसे बड़ा लाभार्थी बने।
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए आगामी लोकसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार जीत हासिल करना बहुत आसान है, तो चिदंबरम ने कहा, ‘‘कुछ भी अवश्यंभावी नहीं है। जब 2004 में पूरे देश में ‘इंडिया शाइनिंग’ (भारत उदय) अभियान जोरों पर था, तो आपका चैनल कहां था? श्री (अटल बिहारी) वाजपेयी, जो एक उदारवादी व्यक्ति थे, उन्होंने अभियान का नेतृत्व किया, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें आठ सीट के अंतर से मात दे दी थी।’’ उनका कहना था, ‘‘मैं मानता हूं कि अगर हिंदी भाषी राज्य उसी तरीके से वोट करते हैं, जैसे उन्होंने पिछली बार वोट दिया था, तो हमारे सामने एक लड़ाई है। ‘इंडिया’ गठबंधन इस लड़ाई से कैसे निपटेगा, यह उसके नेताओं को तय करना है। हम तमिलनाडु में 2019 का परिणाम दोहराएंगे।