मुंबई पुलिस के पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को 2006 में एक कथित फर्जी मुठभेड़ में छोटा राजन गिरोह के सदस्य रामनारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया की हत्या के मामले में मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। वर्सोवा में नाना नानी पार्क के पास लखन भैया की हत्या के मामले में मुंबई की एक अदालत द्वारा बरी किए जाने के 11 साल बाद 62 वर्षीय शर्मा को सजा सुनाई गई थी।
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प्रदीप शर्मा के बारे में आपको बताते हैं जिन्होंने मुंबई पुलिस के साथ अपने कार्यकाल के दौरान गैंगस्टरों से डरते थे, जिसमें उन्होंने कम से कम 112 गैंगस्टरों को खत्म करने का दावा किया था। प्रदीप शर्मा 1983 बैच के प्रसिद्ध पुलिस अधिकारियों में से हैं, जिनमें विजय सालस्कर, प्रफुल्ल भोसले, रवींद्र आंग्रे और विनायक सौदे शामिल हैं। ये पुलिसकर्मी मुंबई अंडरवर्ल्ड पर अपनी कार्रवाई के लिए जाने जाते थे, जिसका नेतृत्व दाऊद इब्राहिम कास्कर, छोटा राजन, अरुण गवली, अमर नाइक और अन्य जैसे लोग करते थे।
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1999 में शर्मा ने अपनी टीम के सदस्यों के साथ छोटा राजन के सहयोगी विनोद मटकर को मार गिराया, जिसे डॉन ने पाकिस्तान में इब्राहिम को खत्म करने के लिए चुना था। उसी साल पुलिस ने मुंबई के दादर में डी-कंपनी के गैंगस्टर सादिक कालिया को मार गिराया। 2003 में शर्मा और उनकी टीम ने मुंबई के गोरेगांव इलाके में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के तीन संदिग्ध आतंकवादियों को मार गिराया। उनमें से दो, अबू सुल्तान और अबू अनवर, पाकिस्तानी नागरिक थे।