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इन दिनों कई स्टोर्स में हेल्दी ड्रिंक के नाम पर कई तरह के पेय पदार्थ उपलब्ध है। हेल्दी ड्रिंक का टैग लेकर बाजार में कई अनहेल्दी ड्रिंक भी उपलब्ध हैं जो कि बच्चों से लेकर युवाओं के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ कर सकती है। वहीं भारत में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 भी है जिसमें स्वास्थ्य पेय का कोई उल्लेख नहीं मिलता है।
इसी बीच राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपभोक्ता मामलों के विभाग को पत्र लिखकर सिफारिश की है कि कोई भी पेय पदार्थ (जिसमें बॉर्नविटा और इस तरह के उत्पाद शामिल है) उन्हें दुकानों में स्वास्थ्य पेय की श्रेणी के तहत नहीं बेचा जाना चाहिए।
इस मामले पर एनसीपीसीआर प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने भी वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय को पत्र लिखा है। उन्होंने सिफारिश की है कि सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को अपनी साइटों से ड्रिंक और बेवरेज को हेल्दी ड्रिंक की श्रेणी से हटाने के लिए निर्देश जारी किए जा सकते हैं। आयोग ने इस पत्र की एक प्रति स्वास्थ्य और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) को भी कार्रवाई के लिए भेजी है। पत्र भेजने के बाद आयोग ने 23 मार्च तक कार्रवाई रिपोर्ट भी मांगी है।
एनसीपीसीआर ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिवों को भी पत्र लिखा है जिसमें उसने कुछ स्वास्थ्य-पाउडर पेय पदार्थों के बारे में मीडिया रिपोर्टों पर संज्ञान लिया है। इसमें एनर्जी ड्रिंक के नाम पर बेचे जा रहे प्रोडक्ट ने दावा किया कि इसमें अधिक मात्रा में चीनी और कई हानिकारक सामग्री शामिल है। खासतौर से बच्चों के लिए बोर्नविटा जैसे हेल्थ ड्रिंक भी काफी हानिकारक है।
एनसीपीसीआर ने बोर्नविटा बनाने वाली मोंडेलेज इंडिया फूड प्राइवेट लिमिटेड और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय और भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) को नोटिस जारी किया था। एफएसएसएआई ने एनसीपीसीआर को दिए अपने जवाब में कहा कि ‘हेल्थ ड्रिंक’ शब्द को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत परिभाषित नहीं किया गया है। बोर्नविटा ने वास्तव में ‘मालिकाना भोजन’ के तहत लाइसेंस प्राप्त किया है, जिसमें खाद्य व्यवसाय संचालक (एफबीओ) भोजन के लेबल पर निकटतम खाद्य उत्पाद श्रेणी का नाम घोषित करना होगा। एफबीओ ने बोर्नविटा को अनाज आधारित पेय मिश्रण घोषित किया है। मोंडेलेज़ इंडिया के प्रतिनिधियों ने भी आयोग के समक्ष व्यक्तिगत उपस्थिति के दौरान कहा कि बॉर्नविटा एक स्वास्थ्य पेय नहीं है।
आयोग ने अपनी जांच के बाद निष्कर्ष निकाला कि एफएसएसएआई और मोंडेलेज इंडिया फूड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत एफएसएस अधिनियम के तहत कोई स्वास्थ्य पेय परिभाषित नहीं है। एनसीपीसीआर प्रमुख ने अपने पत्र में जोर देकर कहा कि उत्पादों को स्वास्थ्य पेय के नाम पर भोले-भाले ग्राहक को बेचने से रोकने की आवश्यकता है।