हाल में ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा दिए गए एक बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से आजकल हम देखते हैं कि एक शब्द के प्रति कोई प्रतिबद्धता और जिम्मेदारी नहीं है। आपने किसी नेता के पुराने वीडियो घूमते हुए देखे होंगे, जहां उनके हर विचार विरोधाभासी होते हैं। जब लोग यह देखते हैं तो उन्हें लगता है कि यह नेता जनता की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश कर रहा है।
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मोदी ने कहा कि हाल ही में, मैंने एक राजनेता को यह कहते हुए सुना, “एक झटके में गरीबी हटा दूंगा”। जिनको 5-6 दशक तक सत्ता में रहने का मौका मिला, वो जब ऐसा कहते हैं तो देश को लगता है कि ये क्या कह रहा है? उन्होंने एएनआई से कहा कि 2019 में भी मैं काम करके चुनाव मैदान में गया था और जब मैं वापस आया तो अनुच्छेद 370, ट्रिपल तलाक से बहनों को मुक्ति, बैंकों का मर्जर… ये सब काम मैंने 100 दिन के अंदर कर दिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा मानना है कि राजनीतिक नेतृत्व संदिग्ध होता जा रहा है… मेरा मानना है कि नेताओं को अपने शब्दों पर नियंत्रण रखना चाहिए। इसलिए, मैं ‘गारंटी’ पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं। मैं प्रतिबद्ध हूं और अपने शब्दों का स्वामित्व लेता हूं। उन्होंने कहा कि 2047 का जो मेरा विजन है वो मोदी की बपौती नहीं है। इसमें 15-20 लाख लोगों के विचारों को समाहित किया है। एक प्रकार से इसकी ऑनरशिप देश की है। मैंने उसको डॉक्यूमेंट के रूप में बनाया है।
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नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर परिवार का सपना और वो सपना कैसे पूरा हो, ये मेरे दिल में पड़ा हुआ है। इसलिए मैं कहता हूं कि जो हुआ है… वो ट्रेलर है। लेकिन मैं बहुत अधिक करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि जब देशवासी आपको देश चलाने की जिम्मेदारी देते हैं तो आपको सिंगल माइंडेड फोकस होना चाहिए- देश। दुर्भाग्य से पहले के राजनीतिक कल्चर में परिवार को कैसे मजबूत बनाना… उसी में शक्ति लगाते थे। जबकि मैं देश कैसे मजबूत हो, इस लक्ष्य के साथ काम कर रहा हूं।