जागरण संवाददाता, बलिया। भू-माफिया के खिलाफ समय-समय पर चले अभियान में आजमगढ़ मंडल के जिले बलिया, मऊ और आजमगढ़ को मिलाकर 477 हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त किया गया है। इसमें बलिया में 132.60 हेक्टेयर, मऊ में 68.06 हेक्टेयर और आजमगढ़ में 276.91 हेक्टेयर भूमि शामिल है। इसके लिए बलिया में 2862, मऊ में 1817 और आजमगढ़ में 8678 लोगों ने शिकायत की थी। पिछले दिनों वादों की हुई समीक्षा में यह तस्वीर सामने आई है। ग्रामीण क्षेत्रों की तर्ज पर अब नगर क्षेत्रों में भी सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए शासन के निर्देश पर अभियान चलाया जा रहा है। शहर की सड़कों से सटकर कई दुकानदार अतिक्रमण कर लिए थे। नगर पालिका परिषद के साथ ही नगर पंचायत क्षेत्रों में भी सरकारी भूमि पर हुए कब्जे को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है। हालांकि अभी भी नगर पंचायत व ग्राम पंचायतों में अतिक्रमण की बाढ़ है। उसे हटाने में जिला प्रशासन विफल है। सरकारी जमीन पर बहुत से लोग कब्जा किए हुए हैं। जबकि डीएम का निर्देश है कि ग्राम पंचायतों की जमीन पर अतिक्रमण होने की जानकारी मिलने पर संबंधित लेखपाल की जवाबदेही तय की जाएगी। शहर में सिर्फ चौक से हटा अतिक्रमण शहर के चौक में पहले 500 से अधिक दुकानदार सड़क पर ही अपना कब्जा जमाए हुए थे, लेकिन अब उन्हें वहां से हटा दिया गया है। इसके बावजूद चौक से निकलने वाली सड़कों पर अभी भी अतिक्रमण है। इसके कारण शहर में हर दिन जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। बाबा बालेश्वरनाथ रोड, आर्य समाज रोड, लोहापट्टी, गुदरी बाजार आदि स्थानों पर सड़कों तक सामान यूं ही दिख जाते हैं। स्टेडियम की जमीन पर से नहीं हटा अतिक्रमण चकबंदी के दौरान सुखपुरा के किसानों से उनकी सात पर्सेंट जमीन की कटौती की गई थी। इसी कटौती में यहां खेल मैदान के नाम पर लगभग दो एकड़ जमीन छोड़ी गई। बाद के वर्षों में इसकी बाउंड्री वाल के माध्यम से घेराबंदी की गई। विगत वर्ष ग्राम पंचायत सुखपुरा ने इसे मिनी स्टेडियम का रूप दे दिया। उसमें गैलरी का निर्माण, स्टेडियम में ओपन जिम की स्थापना व स्टेडियम के चारों तरफ लाइट की व्यवस्था की गई, लेकिन स्टेडियम की जमीन पर कुछ लोगों ने वर्षों से अवैध कब्जा जमा रखा है। ग्राम प्रधान द्वारा कई बार शिकायत के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटा। अतिक्रमण के कारण नहीं बन पा रहा सामुदायिक शौचलय नगर पंचायत नगरा में सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण के चलते विकास कार्य अवरूद्ध पडा हुआ है। नगरा में सार्वजनिक शौचालय व आरओ प्लांट लगाने के लिए जमीन नहीं मिल पा रही है। जबकि इससे अधिक की सार्वजनिक जमीन पर कई लोग कब्जा जमाए हुए हैं। नगर पंचायत राजस्व विभाग की लापरवाही के चलते अतिक्रमण नहीं हटा पा रहा है। यह भी पढ़ें- Mau News: जीरो-बी ओवरब्रिज निर्माण में मुख्य सड़क घेर लेने से आफत, विद्युत व वन विभाग की सुस्ती से भी बढ़ी दुश्वारियां