उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को पाकिस्तान की प्रशंसा करने वालों की आलोचना करते हुए कहा कि जो लोग उनका समर्थन कर रहे हैं उनका हश्र गजनवीद जनरल गाजी सैय्यद सालार मसूद जैसा ही होगा। 1033 में, राजा सुहेलदेव श्रावस्ती के राजा थे और राजा मोरध्वज के सबसे बड़े पुत्र और बहराईच क्षेत्र में मियां के मुख्य प्रतिद्वंद्वी थे। उन्होंने 1033 में बहराईच में चित्तौरा झील के तट पर हुए एक प्रसिद्ध युद्ध में मसूद सालार मसूद से लड़ाई की, उसे हराया और मार डाला।
इसे भी पढ़ें: लालू के बयान पर योगी का पलटवार, बोले- धर्म के आधार पर आरक्षण के खिलाफ थे बीआर अंबेडकर
पाकिस्तान का समर्थन करने वालों पर और हमला करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहराइच में एक रैली को संबोधित करते हुए उनसे कहा कि वे पाकिस्तान जाएं और भूखे मरें लेकिन भारत पर बोझ न बनें। सीएम योगी ने कहा कि भारत 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दे रहा है जबकि पाकिस्तान जिसकी कुल आबादी 23-24 करोड़ है, वहां लोग भूख से मर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इसके बाद भी कुछ लोग अपने राजनीतिक फायदे के लिए पाकिस्तान का नारा लगाते हैं। उनका वही हाल होगा जो महाराज सुहेलदेव ने सालार मसूद का किया था। ये वीरों की धरती है। उनसे बोलिए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बहराइच लोकसभा क्षेत्र में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस और सपा की सरकार में देश में कहीं भी आतंकी विस्फोट हो जाते थे। उस समय भारतीय जनता पार्टी जनता जनार्दन की आवाज उठाती थी। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश सुरक्षित है। देश में आतंकवाद पूरी तरह से समाप्त हो चुका है। दुनिया में देश का सम्मान बढ़ने के साथ विकास के बड़े-बड़े कार्य हो रहे हैं। आज प्रदेश में बमबाजी नहीं बल्कि हर-हर बम-बम के साथ कांवड़ यात्रा निकल रही।
इसे भी पढ़ें: Uttar Pradesh: ‘कांग्रेस और सपा के डीएनए में है राम द्रोह’, इंडी गठबंधन पर CM Yogi का बड़ा वार
योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत की सनातन संस्कृति को गाली देना, देश की सत्ता को चुनौती देना, प्रभु राम और कृष्ण के अस्तित्व पर प्रश्न उठाना आजकल विपक्षी नेताओं के लिए एक ‘फैशन’ सा बन गया है। योगी ने कहा, ‘‘जब विनाश काले विपरीत बुद्धि होती है तो लोग ऐसा ही करते हैं। उन्हें मालूम होना चाहिये कि ये धरती ऋषियों और सनातनियों की है। वे केवल यज्ञ-हवन तक ही सीमित नहीं थे, बल्कि विपत्ति आने पर राक्षसों का संहार भी करते थे। ऐसे में प्रभु राम और कृष्ण पर सवाल खड़ा करने वालों को हम कैसे स्वीकार कर सकते हैं। देश की जनता वोट की चोट के जरिये इसका हिसाब देगी।’’