पुरुलिया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग ने भाजपा नेताओं द्वारा प्रचार के दौरान नफरत फैलाने वाले भाषण देने के संबंध में आंखें मूंद ली हैं, जिससे आदर्श आचार संहिता, ‘‘मोदी आचार संहिता’’ में तब्दील हो गई है। पुरुलिया में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के अन्य शीर्ष नेता केवल खुद को ही हिंदू मानते हैं और वे अन्य समुदायों के बारे में नहीं सोचते हैं।
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उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी और अन्य भाजपा नेता अपने ‘‘नफरत भरे भाषणों’’ से निचली जाति के हिंदुओं, अल्पसंख्यकों और अन्य वंचित वर्गों को डरा रहे हैं लेकिन निर्वाचन आयोग चुप है। बनर्जी ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग की आदर्श आचार संहिता एक मजाक बन गई है और इसे ‘मोदी आचार संहिता’ का नाम दिया जाना चाहिए। लेकिन, हम इस देश के नागरिकों के अधिकारों के उल्लंघन की हर घटना को उजागर करना जारी रखेंगे।