भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के संयुक्त प्रयास के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण प्रदान करेगा। गार्सेटी ने यह भी कहा कि अमेरिका इस साल के अंत तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजेगा। एरिक गार्सेटी ने 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिका की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए कहा कि आईएसएस पर भारतीय अंतरिक्ष यात्री भेजने का अमेरिका का मिशन सही रास्ते पर है। पीएम नरेंद्र मोदी 2023 में अमेरिका आए थे तो हमने वादा किया था कि इस साल के अंत तक हम यह कर लेंगे और हमारा मिशन अभी भी इस साल अंतरिक्ष में जाने में सक्षम होने की राह पर है।
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एरिक गार्सेटी ने भारत और अमेरिका की संयुक्त अंतरिक्ष परियोजना, एनआईएसएआर के बारे में भी जानकारी दी। यह परियोजना अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी और इसरो के बीच एक संयुक्त पृथ्वी-अवलोकन मिशन है। गार्सेटी ने बुधवार को कहा कि एनआईएसएआर परियोजना साल के अंत तक शुरू की जाएगी। एरिक गार्सेटी ने यूएस-इंडिया कमर्शियल स्पेस कॉन्फ्रेंस: यूएस एंड इंडियन स्पेस स्टार्टअप्स के लिए अवसरों को अनलॉक करना में बोलते हुए कहा कि नासा इस साल या अगले साल अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक संयुक्त प्रयास शुरू करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के लिए उन्नत प्रशिक्षण शुरू करेगा। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के अत्यधिक कुशल कार्य की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले साल काफी मामूली लागत पर चंद्रमा पर ‘चंद्रयान-3’ उतारा था।
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लोकसभा चुनाव 2024 के बाद गुजरात के मीठी विरधी और आंध्र प्रदेश के कोवड्डा में परमाणु रिएक्टर परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की संभावना का भी उल्लेख किया। परमाणु रिएक्टर बनाने वाली दो कंपनियों ने नागरिक दायित्व परमाणु क्षति अधिनियम 2010 पर चिंता जताई है, जो प्रावधान करता है परमाणु घटना से हुई क्षति के लिए पीड़ितों को बिना किसी गलती दायित्व व्यवस्था के माध्यम से शीघ्र मुआवजा देना।