Breaking News
-
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता प्रज्ञा ठाकुर के वकील ने 3 अक्टूबर को मुंबई की…
-
झारखंड विधानसभा चुनाव में राज्य में बांग्लादेश से होने वाले घुसपैठ को भाजपा बड़ा मुद्दा…
-
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला…
-
नई दिल्ली। केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा है कि यह बहुत ही हास्यास्पद…
-
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को सरकार के खिलाफ विरोध…
-
ईरान इजरायल जंग के बीच भारतीय नौसेना को लेकर बहुत बड़ी खबर सामने आई है।…
-
हरियाणा में चुनाव प्रचार खत्म हो गया है। 5 अक्टूबर को 90 सीटों पर वोट…
-
यूनाइटेड किंगडम डिएगो गार्सिया में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण यूके-यूएस सैन्य अड्डे के भविष्य को…
-
कई वर्षों से जेवर विधानसभा क्षेत्र की खेरली हाफिजपुर नहर पर पुल बनाए जाने की…
-
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने दावा किया है कि हिंदुत्व विचारक विनायक…
सिनेमा के संचालन में लेखकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती हैं। एक अच्छी कहानी के बिना कोई भी फिल्म अधूरी लगती है, और इस कहानी का जन्म लेखकों की खोज, उनकी सोच और उनके लेखन कौशल से होता है। इसलिए, हमें लेखकों को उनके योगदान का सही सम्मान देना चाहिए। लेखकों की महत्वता पर ध्यान केंद्रित करते हुए इशानी बनर्जी जिन्होंने हमें ‘अलीगढ़’ जैसी फिल्म दी है ने अपना दृष्टिकोण पेश किया।
इंडस्ट्री में लेखकों की स्थिति और उनकी पहचान पर लेखिका इशानी बनर्जी का नज़रिया निश्चित रूप से विचारणीय है। उन्होंने कहा, “लेखकों को स्क्रीन पर उनका नाम देना एक बात होती है और मीडिया द्वारा मान्यता देना दूसरी बात है।
किसी भी प्रोजेक्ट के लिए लेखन पहला चरण होता है। लेखन के बाद, शो बनता है, पोस्ट प्रोडक्शन में जाता है और अंत में दर्शकों के सामने आता है। जब तक यह बाहर आता है, लोग लेखकों के बारे में भूल जाते हैं। वे लेखक का नाम लेना या प्रमोशन के लिए उन्हें बुलाना भी भूल जाते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि ओटीटी सेक्टर के आने से यह धीरे-धीरे बदल रहा है। फिर भी, लेखकों को उचित श्रेय देने के लिए बहुत कुछ बदलना होगा। यह धीरे-धीरे बदलेगा। मीडिया को यह बदलाव लाना होगा।
इस बदलाव को लाने में सबको साथ देना होगा। हमें लेखकों के नाम का इस्तेमाल करके उन्हें बुनियादी सम्मान देना होगा। इंटरव्यू के दौरान, फिल्म निर्माताओं और अभिनेताओं को लेखकों का नाम लेकर उन्हें उनका श्रेय देना चाहिए। उम्मीद है कि धीरे-धीरे हम वहां पहुंच जाएंगे।’
इशानी बनर्जी स्कूल ऑफ लाइज, अलीगढ़ और डिस्पैच लिखने के लिए जानी जाती हैं।