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बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को दोनों देशों के बीच सामरिक सहयोग को प्रगाढ़ बनाने पर चर्चा की। दोनों देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिकॉर्ड तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर नजर बनाए हुए हैं, जिनके शपथ ग्रहण समारोह में दक्षिण एशिया के पड़ोसी देशों के शीर्ष नेताओं के शामिल होने की संभावना है। पाकिस्तान एकमात्र ऐसा देश होगा, जिसका नेता शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होगा। समारोह में सार्क (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) देशों के अन्य सभी नेता शामिल होंगे।
समारोह में नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, भूटान, सेशेल्स और मॉरीशस के शीर्ष नेताओं के शामिल होने की संभावना है। संयोग से, भारत-पाकिस्तान संबंधों में सुधार के समर्थक माने जाने वाले शहबाज शरीफ के बड़े भाई और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ 2014 में मोदी के पहली बार प्रधानमंत्री बनने पर हुए शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे। शी ने शरीफ के साथ अपनी बैठक के दौरान मजबूत चीन-पाकिस्तान के बीच मजबूत संबंधों और दोनों देशों के बीच सदाबहार सामरिक साझेदारी के विकास की व्यापक संभावनाओं पर चर्चा की। दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद यह शरीफ की पहली चीन यात्रा है।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया, “चीन एक-दूसरे का दृढ़ता से समर्थन करने, सहयोग को मजबूत करने, रणनीतिक समन्वय को प्रगाढ़ बनाने, क्षेत्रीय शांति, स्थिरता में अधिक योगदान देने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करने के लिए तैयार है।” सरकारी समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान (एपीपी) के अनुसार इससे पहले, शरीफ ने चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात की, जिसके बाददोनों देशों ने 23 समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
हालांकि, समझौतों में सीपीईसी के दूसरे चरण और कराची को पेशावर से जोड़ने वाली आठ अरब अमेरिकी डॉलर की हाई-स्पीड रेलवे परियोजना नहीं थी। शरीफ ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, हमने बहुआयामी पाकिस्तान-चीन संबंधों के विभिन्न आयामों पर बातचीत की और अपनी दीर्घकालिक व दृढ़ मित्रता, सदाबहार रणनीतिक सहयोग, आर्थिक व व्यापार संबंधों और सीपीईसी को लेकर चर्चा हुई।