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जय जगन्नाथ के जयघोष के बीच Mohan Charan Majhi ने Odisha CM पद की शपथ ली, राज्य को दो उपमुख्यमंत्री भी मिले

ओडिशा के राजनीतिक इतिहास में आज तब नया मोड़ आया जब राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली पहली सरकार ने शपथ ग्रहण की। भाजपा के आदिवासी नेता और चार बार के विधायक मोहन चरण माझी ने जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो चारों ओर जय जगन्नाथ का जयघोष होने लगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के कई केंद्रीय तथा राज्य स्तरीय वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में मोहन चरण माझी ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। हम आपको बता दें कि हाल में संपन्न राज्य विधानसभा चुनावों में स्पष्ट जनादेश के साथ भाजपा सत्ता में आई है। इसी के साथ ही नवीन पटनायक का 24 साल का शासन समाप्त हो गया है। माझी के साथ ही के.वी. सिंह देव और प्रभाती परिदा ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके अलावा सुरेश पुजारी, रबीनारायण नाइक, नित्यानंद गोंड, कृष्ण चंद्र पात्रा, पृथ्वीराज हरिचंदन, डॉ. मुकेश महालिंग, बिभूति भूषण जेना और डॉ. कृष्ण चंद्र महापात्र ने मंत्री पद की शपथ ली।
हम आपको बता दें कि पिछली विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक रहे माझी हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में चौथी बार विधानसभा के लिए चुने गए हैं। उन्होंने क्योंझर विधानसभा क्षेत्र से बीजद की मीना माझी को हराया। कांग्रेस के हेमानंद बिस्वाल और गिरिधर गमांग के बाद माझी ओडिशा के तीसरे आदिवासी मुख्यमंत्री हैं। आदिवासी नेता माझी ने लगभग तीन दशक पहले एक गांव के सरपंच के रूप में राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। वह आदिवासी बहुल और खनिजों के मामले में समृद्ध क्योंझर जिले के रायकला गांव से हैं। एक चौकीदार के बेटे माझी 2000 में पहली बार विधानसभा के लिए चुने गए थे।

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देखा जाये तो भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का चयन क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने की पार्टी की रणनीति का संकेत देता है। माझी उत्तरी ओडिशा के क्योंझर से आते हैं, जबकि केवी सिंह देव राज्य के पश्चिमी और प्रभाती परिदा तटीय क्षेत्रों से आते हैं। केवी सिंह देव पटनागढ़ (अब बोलनगीर) के पूर्व शाही परिवार के मुखिया हैं, जबकि प्रभाती परिदा एक वकील हैं। वह राज्य की पहली महिला उपमुख्यमंत्री हैं।
ओडिशा की 147 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 78 सीटें जीतीं हैं जबकि बीजद को 51 सीटें मिलीं हैं। हम आपको याद दिला दें कि बीजद और भाजपा 1998 से 2009 तक 11 वर्षों तक गठबंधन में रहे और तीन लोकसभा तथा दो विधानसभा चुनाव मिलकर लड़े। पटनायक ने 2009 के आम चुनावों से पहले, कंधमाल में हुए दंगे के बाद भाजपा से नाता तोड़ लिया था।
मोहन चरण माझी ने शपथ ग्रहण समारोह से पहले, आज सुबह भुवनेश्वर में राज्य की महान विभूतियों की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की थी। उनके साथ केवी सिंह देव और प्रभाती परिदा भी थे। तीनों ने गोपबंधु चौक पर उत्कल मणि गोपबंधु दास, राजभवन के बाहर उत्कल गौरव मधुसूदन दास, पावर हाउस चौक पर श्रीराम चंद्र भंज देव, एजी चौक पर परला महाराजा कृष्ण चंद्र गजपति और रामचंद्र मर्दराज देव की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने वाणी विहार चौक पर फकीर मोहन सेनापति, मेफेयर चौक पर धरणीधर भुइयां, कलिंगा अस्पताल चौक पर गंगाधर मेहर और मैत्री विहार में बिरसा मुंडा की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया। चार बार विधायक रह चुके माझी ने कहा कि भाजपा के घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करने के लिए 100 दिनों के भीतर काम शुरू हो जाएगा। 
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से भी मुलाकात कर उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया था। माझी पटनायक के आवास ‘नवीन निवास’ पर पहुंचे, जहां उन्होंने औपचारिक रूप से पूर्व मुख्यमंत्री को निमंत्रण दिया। मंगलवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भी नवीन पटनायक को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित करने के लिए ‘नवीन निवास’ का दौरा किया था। बहरहाल, इससे संकेत मिलता है कि राज्य की भाजपा सरकार विपक्ष को साथ लेकर चलने के मूड़ में दिख रही है। देखना होगा कि माझी भाजपा नेतृत्व की उम्मीदों पर कितने खरे उतरते हैं।

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