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सेहत ही व्यक्ति का असली धन माना जाता है। क्योंकि जब हमारा शरीर स्वस्थ होगा तो हर काम में मन लगता है, लेकिन स्वास्थ्य अच्छा न होने पर कुछ भी अच्छा नहीं लगता है। सेहत खराब होने पर हमारा शरीर कुछ संकेत भी देता है, ऐसे में यदि समय रहते इन संकेतों की पहचान कर ली जाए, तो व्यक्ति कई बीमारियों से खुद का बचाव कर सकता है। इन्हीं संकेतों में एक थायरॉइड के लेवल का बढ़ना और घटना शामिल है। सामान्य से दिखने वाले लक्षणों के लगातार बने रहने पर इनको सामान्य समझने की गलती नहीं करनी चाहिए। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इसके लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं।
जानिए क्या है थायरॉइड
बता दें कि हमारे शरीर की बहुत ही अहम और जटिल ग्लैंड थायरॉइड है। यह शरीर की कई प्रक्रियाओं के लिए जिम्मेदार माना जाता है। जैसे शरीर में एनर्जी लेवन बनाए रखना, मेटाबॉलिज्म और गट को संतुलित रूप से संचालित करना और पूरी सेहत का ख्याल रखना आदि शामिल है। महिलाओं में थायरॉइड की समस्या अधिक देखने को मिलती है।
दो तरीके से हो सकते हैं असंतुलित
हाइपर थायरॉइडिज्म
जब थायरॉइड ग्लैंड अधिक थायरॉइड हार्मोन बनाने लगता है, तो यह समस्या देखने को मिलती है। इस दौरान एनर्जी लेवल बढ़ जाती है, जिसके कारण पाचन क्रिया असंतुलित हो जाती है। इससे व्यक्ति को डायरिया की समस्या हो सकती है और अचानक से आपका वेट कम होने लगता है।
हाइपो थायरॉइडिज्म
इसके उलट जब थायरॉइड ग्लैंड पर्याप्त मात्रा में थायरॉइड हार्मोन का निर्माण नहीं कर पाता है, तो इस स्थिति को हाइपो थायरॉइडिज्म कहते हैं। इसमें शरीर की एनर्जी कम हो जाती है और पाचन क्रिया भी प्रभावित होती है। इस दौरान व्यक्ति को कब्ज की समस्या अधिक होने लगती है और वजन बढ़ने लगता है।
अन्य समस्याएं
ब्रेन फॉग
वैस्कुलर डिमेंशिया होने की वजह से व्यक्ति के सोचने-समझने, निर्णय लेने और फोकस करने की क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। व्यक्ति छोटी-छोटी बातों को भूलने लगता है, इस स्थिति को ब्रेन फॉग कहा जाता है।
चेहरे पर सूजन
हाइपोथायरॉइडिज्म की स्थिति में स्किन में शुगर के मॉलिक्यूल एकत्र हो जाती हैं, जो पानी को अपनी तऱफ खींचता है। समय के साथ ज्यादा पानी एकत्र होने से फेस पर सूजन दिखने लगती है।
पलकों का झड़ना
पलकों के झड़ने को मेडेरोसिस भी कहा जाता है। हाइपर हो या हाइपो–थाइरॉयडिज्म, दोनों ही स्थिति में पलकें और सिर के बाल झड़ना शुरू हो जाते हैं।
वजन बढ़ना
शरीर में ज्यादा नमक और पानी के एकत्र होने से सूजन की समस्या होने लगती है। जिसके कारण मरीज का वजन भी बढ़ने लगता है।
अन्य समस्याएं
विटामिन बी1 की कमी
मैग्नीशियम की कमी
बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल
हाथ पैर ठंडे होना
बदन दर्द
एंग्जायटी
ब्लोटिंग
थकान
इनमें से यदि किसी भी तरह के लक्षणों का रोजाना अनुभव होने पर इसे नजरअंदाज करने की गलती नहीं करनी चाहिए। बल्कि डॉक्टर से संपर्क कर ब्लड टेस्ट और थायरॉइड की जांच करवानी चाहिए। वहीं डॉक्टर की सलाह पर आप दवाएं लेना शुरू कर सकते हैं और डाइट में भी बदलाव कर सकते हैं। बता दें कि लाइफस्टाइल में थोड़ा बहुत बदलाव कर और दवाओं का सेवन कर आप इस समस्या से आसानी से डील कर सकते हैं।