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इस्लामाबाद । पाकिस्तान की एक अदालत ने शनिवार को गैर-इस्लामिक विवाह मामले में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को बरी कर दिया। यह एकमात्र ऐसा मामला था, जिसके कारण पिछले साल अगस्त के बाद से पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के संस्थापक खान सलाखों के पीछे हैं। हालांकि, मामले में बरी होने के बमुश्किल एक घंटे बाद, लाहौर की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने पिछले साल नौ मई को हुई हिंसा से जुड़े तीन मामलों में खान को गिरफ्तार करने के अनुरोध को मंजूरी दे दी। खान की पार्टी ने उनकी गिरफ्तारी के आदेश को “अवैध कारावास को लंबे समय तक जारी रखने की नौटंकी’’ करार दिया।
आठ फरवरी को हुए आम चुनावों से पहले तीन फरवरी को इस्लामाबाद की एक अदालत ने बुशरा बीबी के पूर्व पति खावर फरीद मनेका द्वारा दायर शिकायत के आधार पर दंपति को दोषी ठहराया था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि उन्होंने पूर्व प्रथम महिला की इद्दत अवधि के दौरान विवाह किया था। इस्लाम में, तलाक होने या पति की मृत्यु के चार महीने बाद तक कोई महिला दोबारा शादी नहीं कर सकती। दंपति ने राजधानी इस्लामाबाद की जिला एवं सत्र अदालत में सजा को चुनौती दी थी, जहां अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) अफजल मजोका ने मामले की सुनवाई की। न्यायाधीश ने दोपहर में फैसला सुनाया, जिसमें खान (71) और बुशरा (49) को बरी कर दिया गया।
न्यायाधीश ने उनकी अपील स्वीकार करते हुए कहा, ‘‘अगर वे किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हैं, तो इमरान खान और बुशरा बीबी को तुरंत (जेल से) रिहा किया जाना चाहिए।” यह एकमात्र मामला था जिसके लिए खान जेल में हैं, क्योंकि तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में उनकी सजा निलंबित कर दी गई थी और सिफर मामले में उन्हें बरी कर दिया गया था। खान पिछले साल अगस्त से ही जेल में हैं, जब उन्हें तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में सजा सुनाई गई थी और उसके बाद 8 फरवरी को चुनावों से पहले अन्य मामलों में भी सजा सुनाई गई थी।
बुशरा के पूर्व पति मनेका ने नवंबर 2023 में दंपति के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने इद्दत की अनिवार्य प्रतीक्षा अवधि का पालन किए बिना शादी कर ली। उन्होंने अदालत से विवाह को अमान्य घोषित करने का अनुरोध किया। खान और बीबी ने 2018 में शादी की, जिस साल खान चुनाव जीते और प्रधानमंत्री बने थे। बुशरा खान की आध्यात्मिक मार्गदर्शक थीं, लेकिन मुलाकातों के दौरान दोनों के बीच एक-दूसरे के लिए प्यार बढ़ गया। बुशरा ने अपने पति से तलाक ले लिया था, जिनसे उनके पांच बच्चे थे। बुशरा खान की तीसरी पत्नी हैं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख गौहर खान ने फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह स्वतंत्र न्यायपालिका की जीत है। उन्होंने कहा, ‘‘ये सभी मामले फर्जी थे और उन्हें अन्य सभी मामलों में भी न्याय मिलेगा।’’ गौहर खान ने कहा कि इमरान खान को रिहा किया जाना चाहिए क्योंकि यह आखिरी मामला था जिसमें वह जेल में हैं।