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टीम इंडिया के पूर्व बैटिंग कोच विक्रम राठौर को अच्छे से पता है कि आने वाले समय में टीम इंडिया को ट्रांसिशन के मुश्किल दौर का सामना करना है। राठौर ने हालांकि, ये भी कहा कि टीम इंडिया के पास जिस तरह से युवा खिलाड़ी हैं, उससे टीम को बदलाव के दौर से निपटने में सक्षम है। इस दौरान इस पूर्व टेस्ट क्रिकेटर ने ये भी कहा कि हालांकि, बदलाव के दौर नियंत्रित तरीके से धीरे-धीरे होना चाहिए। विराट कोहली और रोहित शर्मा फिलहाल वनडे इंटरनेशनल और टेस्ट क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे लेकिन अगले कुछ सालों में बदलाव का दौर आएगा जब ये अपने करिर के आखिरी चरण में होंगे।
विक्रम राठौर को लगता है कि जब तक रोहित और कोहली सभी फॉर्मेट को अलविदा कहेंगे तब तक युवा सितारे अच्छी तरह से स्थापित हो जाएंगे जो अगेल 10 सालों के लिए टीम का केंद्र बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि, मुझे उम्मीदे है कि तब तक शुभमन गिल, ऋषभ पंत, यशस्वी जायसवाल, ध्रुव जुरेल जैसे खिलाड़ी खुद को स्थापित कर लेंगे और बदलाव को आसान बना देंगे। राठौर ने कहा कि, वनडे इंटरनेशनल फॉर्मेट में भी हमारे पास श्रेयस अय्यर, केएल राहुल और हार्दिक पंड्या जैसे अनुभवी खिलाड़ी हैं जो जिम्मेदारी निभाने को तैयार हैं।
वहीं जिस तरह कोहली और रोहित ने एक दशक से ज्यादा समय तक भारतीय बल्लेबाजी के बोझ को अपने कंधों पर उठाया उसी तरह अगल दशक गिल और जायसवाल का हो सकता है। विक्रम राठौर ने कहा कि कई बेहतरीन खिलाड़ी आ रहे हैं। लेकिन ये दोनों लंबे समय तक तीनों फॉर्मेट में खेलने के लिए तैयार हैं। आने वाले सालों में ये दोनों भारतीय बल्लेबाजी की रीढ़ बनने जा रहे हैं। राठौर पिछले तीन सालों में द्रविड़ के लिए बेहतरीन सलाहकार रहे हैं। और जब वे कहते हैं कि रिंकू सिंह एक अच्छे टेस्ट बल्लेबाज बनेंगे तो ये बात वजनदार लगती है।