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Taj Mahal के मुख्य मकबरे में चढ़ाया गंगाजल, लगाई ओम का स्टीकर भी चिपकाया, लगाए हर हर महादेव के नारे

तेजो महालय यानी शिव मंदिर होने का दावा करके लंबे समय से विवाद चल रहा है। लेकिन आज ताजमहल से ऐसी खबर सामने आई है जो इससे पहले कभी नहीं हुआ। ताजमहल के अंदर दो युवक घुस गए और उन्होंने मकबरे के अंदर कथित तौर पर जलाभिषेक कर दिया। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक युवक ताजमहल में गंगाजल चढ़ाता नजर आया। पुलिस की तरफ से व्यक्ति को हिरासत में ले लिया गया है। युवक अखिल भारतीय हिंदू महासभा से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।  ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि ताजमहल के अंदर जहां इतनी कड़ी सुरक्षा के बीच आप अंदर घुस पाते हैं। वहां हाथ में बोलत लेकर ये युवक अंदर कैसे घुस गया। ताजमहल का नाम दुनिया के सात अजूबों में दर्ज है। लेकिन अब इसको लेकर लगातार विवाद सामने आ रहा है। ताज महल तेजोमहालय था ये दावा हिंदुवादी संगठनों की ओर से किया जाता है। 

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गंगाजल लेकर ताजमहल के अंदर पहुंचे दोनों युवको ने पहले पूरा वीडियो बनाया। एक युवक बोतल को कंधे पर रखकर चल रहा है। जिसमें गंगाजल होने का दावा किया जा रहा है। दोनों युवक चलते चलते आगे बढ़ते हैं और मुख्य मकबरे तक पहुंचते हुए तहखाने के पास खड़े होकर बोतल में से गंगाजल चढ़ा देते हैं। दीवार पर ओम का स्टीकर भी चिपकाया। इसके बाद हर हर महादेव के नारे भी लगाए हैं।  जुलाई के आखिरी महीने की ही बात है एक महिला कांवड़िया कावड़ लेकर ताजमहल के गेट तक पहुंच गई थी। हालांकि पुलिस ने ताजमहल में जैसे-तैसे तांडव होने से रोक लिया। मीना राठौड़ ने कहा कि मैं तेजोमहालय में गंगाजल चढ़ाने आई थी। भगवान शिव ने मुझे सपने में बुलाया और मैं तेजो महालय पर चढ़ाने के लिए कांवर ले आई। लेकिन पुलिसकर्मियों ने मुझे आगे जाने से रोक दिया। महिला कांवड़ लेकर ताजमहल के गेट तक पहुंच गई। महिला कांवड़ यात्री के इस कदम से पुलिसवालों के भी हाथ पांव फूल गए। पुलिसवालों ने महिला को गेट पर ही रोक दिया।  

कब-कब विवादों में रहा ताज 

1965 में आई ‘ ताजमहल द ट्रू स्टोरी’  किताब ने ताज को लेकर विवाद खड़ा कर दिया। इसमें  ताजमहल को तेजोमहालय बताया गया। 

1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान ताजमहल को हरे कपड़े से ढका गया। 

2015 में  आगरा के सिविल कोर्ट में ताज को तेजोमहालय मंदिर घोषित करने की याचिका दाखिल हुई। 

2017 में BJP विधायक संगीत सोम ने कहा- ताजमहल का निर्माण गद्दारों ने किया था। 

2018 में सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि ताजमहल पर मालिकाना हक हमारा है।  

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