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कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कुशीनगर जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और कहा कि नारायणी और गंडक नदी में बाढ़ से बचाव के लिए बीते सात साल में बड़े स्तर पर प्रयास किये गये हैं। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि वह नारायणी नदी पर पक्का पुल बनाने के लिए सर्वेक्षण का काम जल्द से जल्द शुरू करें। मुख्यमंत्री ने आमजन को भरोसा देते हुए कहा कि आपको कोई परेशानी न हो, आपकी हर समस्या के समाधान के लिए ये सरकार हमेशा आपके साथ खड़ी है। बाढ़ प्रभावित हर व्यक्ति की सुरक्षा और सहायता के लिए सरकार 24 घंटे खड़ी है।
मुख्यमंत्री ने रविवार को जिले की ग्रामसभा तुर्कहा में बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की और राहत सामग्री का वितरण किया। लखनऊ में जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने इससे पहले भैंसहां-छितौनी तटबंध का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र और विद्यार्थियों को टैबलेट वितरित किया। साथ ही बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार भी संपन्न कराया और टॉफी देकर उनको दुलार-प्यार किया। योगी ने कहा, करीब 600 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च करते हुए बाढ़ से बचाव के विभिन्न प्रबंधन करने का ही परिणाम है कि 83 गांव की 1,16,000 की आबादी और 20 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि सुरक्षित हुई है।
उन्होंने कहा कि नारायणी के उस पार करीब 20 हजार की आबादी को इस पुल से बहुत फायदा मिलेगा, ऐसे में बाढ़ का पानी उतरते ही नदी पर जहां पुल बनाया जाना है, इसका सर्वे कराकर रिपोर्ट शासन को भेजी जाए। उन्होंने कहा कि आपदा में सरकार 24 घंटे अपने नागरिकों की सहायता और सुरक्षा के लिए खड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा, पिछले सात साल में समय पर बाढ़ से बचाव के उपाय करने का परिणाम है कि बड़े पैमाने पर जनधन की हानि को रोकने में मदद मिली है। अकेले कुशीनगर में करीब तीन लाख की आबादी को बाढ़ से बचाने में भी मदद मिली।
इसी का परिणाम है कि न केवल हम यहां सुरक्षित और निश्चिंत हैं, बल्कि प्रदेश के अन्य जनपदों में भी बाढ़ से बचाव को लेकर कार्य हुए हैं। योगी ने कहा कि महात्मा बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली के रूप में पूरी दुनिया इसे शांति की भूमि के रूप में देखती है। इसे दुनिया की आस्था का केंद्र बनाने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। कभी यहां के बच्चे इंसेफेलाइटिस से प्रभावित होते थे। आज इस बीमारी को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। इस अवसर पर प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, सांसद विजय कुमार दुबे, विधायक डॉक्टर असीम कुमार, विवेकानंद पांडेय, विनय गौड़, मनीष जायसवाल, मोहन वर्मा व सुरेन्द्र कुशवाहा समेत अन्य प्रमुख लोग मौजूद थे।