Breaking News
-
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जांच आदेश के बाद बिहार पुलिस ने गुरुवार को बिहार के…
-
भारत ने एक बार फिर से अपने महत्वपूर्ण कूटनीतिक कमद से दुनिया को हैरान कर…
-
भारत के हथियार निर्माता जो हथियार यूरोप को बेच रहे हैं, वो यूरोप के जरिए…
-
दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से आप विधायक अमानतुल्ला खान द्वारा दायर याचिका…
-
नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा ने आज लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के द्वारा गत…
-
लाखों-करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र तिरुपति तिरुमाला मंदिर को लेकर बड़ी खबर सामने आई…
-
उत्तर प्रदेश के आगरा में यमुना नदी के तट पर स्थित ताज महल के रखरखाव…
-
मुंबई के पूर्व कमिश्नर संजय पांडे गुरुवार को वर्षा गायकवाड़ की मौजूदगी में कांग्रेस में…
-
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को राहुल गांधी की हाल की अमेरिकी यात्रा के…
-
देश की राजधानी नई दिल्ली में चार दिवसीय मेगा फूड इवेंट ‘वर्ल्ड फूड इंडिया 2024’…
ढाका । बांग्लादेश में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के समक्ष बुधवार को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और कई अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई, जिसमें उन पर अपनी सरकार के खिलाफ छात्रों के बड़े पैमाने पर आंदोलन के दौरान नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप लगाया गया। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) की जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा,‘‘यह शिकायत उन छात्रों में से एक के पिता की ओर से दर्ज कराई गई थी, जिसकी विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई थी।’’
उच्चतम न्यायालय के एक वकील ने नौवीं कक्षा के छात्र आरिफ अहमद सियाम के पिता बुलबुल कबीर की ओर से यह शिकायत दर्ज कराई, जिसकी पांच अगस्त को विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई थी। दैनिक समाचार पत्र द डेली स्टार ने जांच एजेंसी के उप निदेशक अताउर रहमान के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा,‘‘ हमने शिकायत दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू हो गई है। ’’ उन्होंने कहा,‘‘जांच पूरी होने पर, हम अगली प्रक्रिया के लिए न्यायाधिकरण के मुख्य अभियोजक कार्यालय को रिपोर्ट सौंपेंगे।’’
सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस के अनुसार, शिकायत में हसीना तथा कई अन्य लोगों पर नरसंहार और मानवता के विरुद्ध अपराध करने का आरोप लगाया गया है। यह शिकायत ऐसे समय में दर्ज कराई गई जब अंतरिम सरकार ने कहा कि एक जुलाई से पांच अगस्त के बीच की अवधि में की गई हत्याओं की सुनवाई अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण द्वारा की जाएगी। शिकायत में 76 वर्षीय हसीना और अन्य पर 15 जुलाई से पांच अगस्त के बीच सामूहिक हत्याकांड को अंजाम देने का आरोप लगाया गया है। प्रक्रिया के अनुसार, एजेंसी को शिकायतों की जांच करनी होगी और फिर आईसीटी-बांग्लादेश के समक्ष मामला दर्ज करना होगा, जिसका गठन मूल रूप से 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सैनिकों का साथ देने वाले बांग्ला भाषी अपराधियों पर मुकदमा चलाने के लिए किया गया था।
शिकायत में हसीना की अवामी लीग के महासचिव और पूर्व सड़क परिवहन मंत्री ओबैदुल कादर, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल, पूर्व सूचना एवं प्रसारण कनिष्ठ मंत्री मोहम्मद अली अराफात समेत कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का नाम भी शामिल है। पांच अगस्त को हसीना सरकार के पतन के बाद देश भर में भड़की हिंसा की घटनाओं में बांग्लादेश में 230 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। नौकरियों में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली के खिलाफ छात्रों के आंदोलन से शुरू हुई हिंसा के तीन सप्ताह के दौरान मरने वालों की संख्या 560 हो गई है।