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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्र के विकास में अंतरिक्ष क्षेत्र की भूमिका पर जोर दिया और कहा कि देश को मजबूत बनाने तथा ‘विकसित भारत-2047’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में अंतरिक्ष क्षेत्र एक महत्वपूर्ण तत्व है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को आश्वस्त किया कि सुधार लाने की प्रतिबद्धता सिर्फ संपादकीय के लिए नहीं है, बल्कि देश को मजबूत बनाने के लिए है। अंतरिक्ष क्षेत्र एक महत्वपूर्ण पहलू है। हमने इस क्षेत्र में कई सुधार किए हैं। आज, कई स्टार्टअप इस क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “अंतरिक्ष क्षेत्र जो जीवंत होता जा रहा है, भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने की दिशा में एक आवश्यक तत्व है। हम दीर्घकालिक विचार के साथ इस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और इसे मजबूती दे रहे हैं।” “जब नीति सही हो, नीयत सही हो और मंत्र पूर्ण समर्पण के साथ राष्ट्र कल्याण हो, तो हम निश्चित रूप से परिणाम प्राप्त करते हैं। आज निजी उपग्रह और निजी रॉकेट प्रक्षेपित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “मैं भारत के नागरिकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सुधार लाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता न तो सिर्फ संपादकीय, प्रशंसा या मजबूरी के लिए है। यह देश को मजबूत बनाने के लिए है।”उल्लेखनीय है कि भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम 2024-25 में शुरू होने वाला है।
गगनयान परियोजना में 3 सदस्यों के दल को 3 दिवसीय मिशन के लिए 400 किलोमीटर की कक्षा में लॉन्च करके और भारतीय समुद्री जल में उतरकर उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करने की परिकल्पना की गई है।