प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने 24 अगस्त को सरकारी कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को मंजूरी दे दी। इस कदम का उद्देश्य सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन प्रदान करना है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्र ने एक समिति का गठन किया जिसने आरबीआई और विश्व बैंक सहित कई शीर्ष संगठनों के साथ 100 बैठकें कीं। कमेटी की अनुशंसा के आधार पर शनिवार को कैबिनेट बैठक में यूपीएस को मंजूरी दे दी गयी। अगर कोई 10 साल बाद नौकरी छोड़ देता है तो 10 हजार रुपए पेंशन मिलेगी
इसे भी पढ़ें: ‘नक्सली हिंसा लोकतंत्र के लिए बड़ी चुनौती’, रायपुर में बोले अमित शाह- 2026 तक वामपंथी उग्रवाद का कर देंगे सफाया
सरकारी कर्मचारियों ने नई पेंशन योजनाओं में कुछ बदलाव की मांग की है। इसके लिए पीएम मोदी ने कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया। इस समिति ने विभिन्न संगठनों और लगभग सभी राज्यों के साथ 100 से अधिक बैठकें कीं। पीएम मोदी के काम करने के तरीके और विपक्ष के काम करने के तरीके में अंतर है। विपक्ष के विपरीत, पीएम मोदी व्यापक विचार-विमर्श करने में विश्वास करते हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक और विश्व बैंक सहित सभी के साथ विस्तार परामर्श के बाद, समिति ने एक एकीकृत पेंशन योजना की सिफारिश की है। आज, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस एकीकृत पेंशन योजना को मंजूरी दे दी है, और इसे भविष्य में लागू किया जाएगा।