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नंदुरबार लोकसभा क्षेत्र महाराष्ट्र राज्य के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में से एक है। यह निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने इसे फिर से जीत लिया है, जहां से पार्टी के नेता एडवोकेट गोवाल कागडा पडवी वर्तमान में सांसद हैं। यह संसदीय क्षेत्र नंदुरबार और धुले जिले के तहत आता है। नर्मदा और तापी नदियों से घिरा यह क्षेत्र आदिवासी पावरा नृत्य के लिए बहुत लोकप्रिय है। यहां मावची गावीत, कोकणी, भील, वसावे, पावरा आदि आदिवासी जातियां बड़ी संख्या में रहती हैं। इस क्षेत्र का तोरणमल हिल स्टेशन पर्यटकों के लिए एक प्रमुख भ्रमण केंद्र है। इसके साथ ही सिटी टेंपल, प्रकाश, दत्तात्रेय मंदिर, हिडिंबा का जंगल, सतपुड़ा की पहाड़ियां और अक्राणी यहां के अन्य प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
नंदुरबार लोकसभा क्षेत्र धुले और नंदुरबार जिलों में विस्तारित है। यह लोकसभा क्षेत्र अक्कलकुवा, शहादा, नंदुरबार, नवापुर, सक्री और शीरपुर विधानसभा क्षेत्र से मिलकर बनाया गया है। जिसके सभी क्षेत्र अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इन छह विधानसभा सीटों में से तीन पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। तो वहीं, दो सीट कांग्रेस के पास हैं। इसके अलावा पिछले चुनाव में एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार भी जीतने में कामयाब रहा था। 2009 से अस्तित्व में आया अक्कलकुवा विधानसभा क्षेत्र नंदुरबार जिले के अंतर्गत ही आता है। विधानसभा क्षेत्र घोषित होने के बाद से यहां हमेशा से ही कांग्रेस मजबूत पार्टी रही है। इस क्षेत्र से वर्तमान विधायक कागदा चंद्या पडवी हैं, उन्हें उद्धव ठाकरे की कैबिनेट में अनुसूचित जनजाति मंत्रालय का कार्यभार भी दिया गया था।
कांग्रेस और बीजेपी को ही जीत का मौका देने वाली शहादा विधानसभा सीट भी नंदुरबार जिले के अंतर्गत ही आती है। इस क्षेत्र के मतदाताओं ने राज्य की दो बड़ी पार्टियों शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर कभी भी भरोसा नहीं जताया है। इस क्षेत्र को भारतीय जनता पार्टी लगातार दो बार से जीतती चली जा रही है। वर्तमान में यहां से विधायक राजेश उदय सिंह पदवी हैं। उनके पहले पार्टी के ही नेता उदय सिंह कोचारू पदवी विधायक थे। इस लोकसभा क्षेत्र की नंदुरबार विधानसभा सीट भी अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है। यहां से बीजेपी के नेता विजय कुमार गवित वर्तमान में विधायक हैं। विधायक 1995 से लगातार इस क्षेत्र से चुनाव जीते आ रहे हैं। 2014 तक उन्होंने एनसीपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, वे वर्तमान में जनजातीय मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे हैं।
1952 में पहले आम चुनाव के बाद से ही अस्तित्व में आयी नवापुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के अलावा सिर्फ एक बार समाजवादी पार्टी ही चुनाव जीतने में सफल रही है। इसके अलावा शिवसेना बीजेपी और एनसीपी का इस क्षेत्र में प्रभाव बिल्कुल नहीं है। वर्तमान में कांग्रेस के शिरीष कुमार स्वरूप सिंह नाईक विधायक हैं। धुले जिले के अंतर्गत आने वाली सक्री विधानसभा सीट भी अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है। इस सीट पर वर्तमान में निर्दलीय उम्मीदवार मंजुला गवित विधायक हैं। उन्होंने पिछले चुनाव में यह सीट कांग्रेस के कब्जे से छीनी थी, जो 15 साल से इस क्षेत्र को जीती थी चली आ रही थी। महाराष्ट्र विधानसभा में 9 नंबर से जाने जानी वाली शीरपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े काशीराम वेचन पावरा ने कांग्रेस के 25 साल के वर्चस्व को समाप्त किया था। विधायक काशीराम पावरा इससे पहले भी 2009 और 2014 पर कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं।