दिग्गज फिल्म निर्माता एम मोहन का लंबी बीमारी के कारण आज मंगलवार, 27 अगस्त को कोच्चि में निधन हो गया। उन्होंने एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे 76 वर्ष के थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, मलयालम फिल्म निर्माता कोच्चि में उम्र से संबंधित कुछ बीमारियों का इलाज करा रहे थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी अनुपमा और दो बेटे उपेंद्र मोहन और पुरंदर मोहन हैं।
इसे भी पढ़ें: Raamleela के मशहूर गाने ‘राम चाहे-लीला चाहे’ के लिए किया गया था Kangana Ranaut को अप्रोच, एक्ट्रेस ने किया खुलासा
2005 में बनाई थी आखिरी फिल्म
एम मोहन की पत्नी भी एक प्रसिद्ध कुचिपुड़ी नृत्यांगना हैं और उन्होंने मलयालम फिल्म उद्योग में एक अभिनेत्री के रूप में काम किया है। फिल्म निर्माता के आकस्मिक निधन से फिल्म उद्योग में शोक की लहर है। निर्देशक ने अपना करियर 1970 के दशक के अंत में शुरू किया था और 2005 में अपनी आखिरी फिल्म बनाई थी। उनकी कुछ बेहतरीन कृतियों में इदावेला, विदा परयुम मुनपे, अलोलम, तीर्थम, मुखम, अंगने ओरु अवधिकालथु, पक्ष और मंगलम नेरुन्नु शामिल हैं।
इसे भी पढ़ें: Rehna Hai Tere Dil Mein का बनने वाला है सीक्वल? R Madhavan और Dia Mirza की पोस्ट कर रही है बहुत से इशारे
उनके करियर पर एक नजर
एम मोहन ने शालिनी एंटे कूटुकरी, इदावेला और कोचु कोचु थेट्टुकल जैसी हिट फिल्में दीं। एम मोहन ने 1978 में वडका वीडू के साथ निर्देशन में कदम रखा। उनकी अगली दो फिल्मों शालिनी एंटे कूटुकरी और रंडू पेनकुट्टिकल ने उनकी अनूठी फिल्म निर्माण शैली को दिखाया।
निर्देशन के अलावा एम मोहन ने पांच फिल्मों की पटकथा लिखी, जिनमें एंगिन ओरु अवधिकालथु, मुखम, श्रुति, अलोलम और विदा परयुम मुनपे शामिल हैं। उन्होंने इथिला इनियुम वरु और कथायरियाथे जैसी फिल्मों की कहानियों में भी योगदान दिया। 80 के दशक में रिलीज हुई एम मोहन की ज्यादातर फिल्में मलयालम फिल्म उद्योग के स्वर्ण युग का हिस्सा मानी जाती हैं, यह वह दौर था जब केजी जॉर्ज, भारतन और पद्मराजन जैसे नामी निर्देशक मुख्य भूमिकाओं में थे इस फिल्म में नेदुमुदी वेणु मुख्य भूमिका में थे और इसकी पटकथा जॉन पॉल ने लिखी थी। यह फिल्म एम मोहन के करियर की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक बन गई।