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कोलकाता कांड के खिलाफ BJP महिला मोर्चा का प्रदर्शन, बंगाल की महिला आयोग पर लगाया बड़ा आरोप

कोलकाता मामले को लेकर बंगाल में प्रदर्शन का दौर लगातार जारी है। लॉकेट चटर्जी और अग्निमित्रा पॉल सहित भाजपा नेताओं ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कथित ‘निष्क्रियता’ के लिए राज्य महिला आयोग को ‘लॉक’ करने के लिए पहुंचे थे। बीजेपी नेता लॉकेट चटर्जी ने कहा कि महिला आयोग कोई काम नहीं कर रहा। पश्चिम बंगाल सरकार ने सबूतों से छेड़छाड़ की। उन्होंने इसकी सूचना राष्ट्रीय महिला आयोग को क्यों नहीं दी?
 

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पूर्व सांसद ने आगे कहा कि यह कोई आयोग नहीं है, यह टीएमसी का कार्यालय है। राज्य महिला आयोग को यूपी, बिहार या मणिपुर के बारे में नहीं बोलना चाहिए। पहले उन्हें पश्चिम बंगाल के बारे में बोलना चाहिए। बीजेपी विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि भाजपा के समग्र महिला नेतृत्व ने आज यहां (पश्चिम बंगाल महिला आयोग कार्यालय पर) प्रतीकात्मक ताला लगा दिया है क्योंकि पश्चिम बंगाल की महिला आयोग कोई काम नहीं करती है। इन्हें वेतन और सुविधाएं हमारे टैक्स के पैसे से मिल रही हैं लेकिन आज ये लोग बंगाल की महिलाओं पर आए दिन हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज नहीं उठाते, सिर्फ मुख्यमंत्री की चापलूसी करते हैं। 
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शुक्रवार को पत्र लिखकर बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों के लिए कड़े केंद्रीय कानून और कठोर सजा का प्रावधान किए जाने का अनुरोध दोहराया। बनर्जी ने नौ अगस्त को कोलकाता स्थित आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या की घटना पर देशव्यापी आक्रोश के बाद इस मुद्दे पर कुछ दिन पहले भी मोदी को पत्र लिखा था। ममता ने बलात्कार और हत्या के मामलों के समयबद्ध निपटारे के लिए अनिवार्य प्रावधान की मांग की। 
 

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बनर्जी ने बुधवार को कहा था कि उनकी सरकार की नीति ‘बलात्कार संबंधी घटनाओं को कतई बर्दाश्त न करने’ की है और इन मामलों से संबंधित मौजूदा कानूनों में संशोधन के लिए अगले सप्ताह राज्य विधानसभा में एक विधेयक पारित किया जाएगा, ताकि दुष्कर्म के अपराधियों के लिए मृत्युदंड सुनिश्चित किया जा सके। बनर्जी ने पत्र में लिखा कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे पर प्रधानमंत्री से अभी तक उन्हें जवाब नहीं मिला है लेकिन उन्हें केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री से एक पत्र प्राप्त हुआ है। बनर्जी ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्री का पत्र उनके द्वारा उठाए गए ‘‘मुद्दे की गंभीरता को बमुश्किल दर्शाता’’ है।

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