राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल पर निशाना साधते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि वह इस बात से स्तब्ध, दुखी और कुछ हद तक आश्चर्यचकित हैं कि एक संसद सदस्य ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा के कृत्यों को लक्षणात्मक अस्वस्थता करार दिया। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) की ओर से सिब्बल ने कथित तौर पर एक प्रस्ताव जारी किया था जिसमें कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए भयावह बलात्कार और हत्या को लक्षणात्मक अस्वस्थता बताया गया था और सुझाव दिया गया था कि ऐसी घटनाएं आम हैं।
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सिब्बल को इस साल की शुरुआत में मई में SCBA का अध्यक्ष चुना गया था। कोई यह कैसे कह सकता है कि ऐसी घटनाएं आम हैं? कितनी शर्म की बात है! धनखड़ ने एक कार्यक्रम में बिना किसी का नाम लिए कहा कि ऐसे रुख की निंदा करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह इतने ऊंचे पद के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। लेकिन मुझे खुशी है कि बार के सदस्य हमारी लड़कियों और महिलाओं के समर्थन में आए हैं। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के उनके पूर्ववर्ती अध्यक्ष और ऑल इंडिया बार असोसिएशन के वर्तमान अध्यक्ष डॉक्टर आदिश अग्रवाल ने सख्त एतराज जताते हुए सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन के मौजूदा अध्यक्ष कपिल सिब्बल को पत्र लिखकर कहा है कि या तो वे इस रेजोल्यूशन को वापस लेते हुए माफी मांगे या फिर उनके खिलाफ सदस्यों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाएगा।
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अग्रवाल ने कहा कि ‘हमें उक्त मामले पर चुनाव आयोग के किसी भी विचार-विमर्श की जानकारी नहीं है, जो ऐसे किसी प्रस्ताव में परिणत हुआ।’ उन्होंने कहा कि कई अन्य कार्यकारी समिति के सदस्य भी इस कदम से समान रूप से आश्चर्यचकित थे।