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ओडिशा के अधिकारियों को बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करने को कहा गया : मुख्यमंत्री Majhi

भुवनेश्वर । ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने विधानसभा में कहा कि उनकी सरकार ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करने का निर्देश दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक भास्कर मधेई के सवाल के लिखित उत्तर में माझी ने कहा कि विभिन्न स्थानों, विशेषकर केन्द्रपाड़ा जिले में, जहां कथित तौर पर अधिकांश “अवैध प्रवासियों” के रहने की बात कही गई है, में घुसपैठियों की पहचान करने के लिए तहसीलों, प्रखंडों और पुलिस थानों के अधिकारियों की समितियां गठित करने का निर्देश जारी किया गया है। 
विधानसभा में दिए गए एक अन्य बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021 तक कुल 3,740 बांग्लादेशी घुसपैठिए राज्य में अवैध रूप से रह रहे थे। उन्होंने बताया कि इन अवैध घुसपैठियों में 1,649 केंद्रपाड़ा जिले में, 1,112 जगतसिंहपुर में, 655 मल्कानगिरी में, 199 भद्रक में, 106 नबरंगपुर में, 17 लोग खुर्दा जिले में और दो व्यक्ति बारगढ़ जिले में रहते हैं। माझी ने विधानसभा को बताया कि उन्हें वापस उनके देश भेजने का प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन है। मुख्यमंत्री के मुताबिक बांग्लादेश की हालिया राजनीतिक उथल-पुथल के मद्देनजर वहां से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए ओडिशा में सुरक्षा के कड़े उपाय किए गए हैं। 
विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक बिभूति भूषण बलवंतराय के सवाल का उत्तर देते हुए माझी ने कहा कि राज्य की समुद्री सीमा पर नियमित अंतराल पर गश्त की जा रही है और कड़ी निगरानी रखी जा रही है। मुख्यमंत्री ने सदन को सूचित किया कि गृह मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराई गई राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर कार्ड रीडर मशीन का इस्तेमाल भारतीय और विदेशी नागरिकों की पहचान के लिए किया जा रहा है। 
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, ओडिशा के सभी तटीय जिलों के पुलिस अधीक्षकों को सतर्क रहने और बांग्लादेशी घुसपैठियों को रोकने के लिए जलमार्गों पर गश्त बढ़ाने के निर्देश दिये गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य खुफिया शाखा ने भी अपने अधिकारियों को मछुआरों के संगठनों और मछली पकड़ने वाली नौकाओं के मालिकों के निकायों के संपर्क में रहने के निर्देश दिए हैं ताकि घुसपैठियों के बारे में जानकारी एकत्र की जा सके। उन्होंने बताया कि राज्य में कुल 18 समुद्री पुलिस थाने सक्रिय हैं और केंद्रीय योजना के तहत पुलिस को 15 हाई-स्पीड इंटरसेप्टर नौकाएं दी गई हैं।

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