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अंबाला शहर से बीजेपी ने Aseem Goyal को फिर से उतारा चुनावी दंगल में, 2019 में दर्ज की थी बड़ी जीत

हरियाणा में अक्टूबर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने पहली लिस्ट में 67 उम्मीदवारों को टिकट दिया है। टिकट बांटने से पहले पार्टी ने बहुत मंथन किया है, तब जाकर नामों पर मुहर लग सकी। बीजेपी ने कई मौजूदा विधायकों और मंत्रियों के टिकट काटे और कई समीकरण साधे। पार्टी ने नायब सैनी सरकार में मंत्री असीम गोयल को एकबार फिर अंबाला शहर से उम्मीदवार घोषित किया है। हरियाणा की राजनीति में एक युवा और जुझारू नेता के तौर पहचाने जाने वाले असीम गोयल ने वर्ष 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में 64896 वोट हासिल करके जीत दर्ज की थी।
राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से एक अंबाला शहर को भारतीय जनता पार्टी के गढ़ के तौर पर देखा जाता है। जिसका गठन 1977 में हुआ था। हरियाणा के नन्यौला गाँव में 25 अक्टूबर, 1979 को जन्में असीम गोयल ने नन्यौला के डीएवी कॉलेज से अपनी पढ़ाई की है। अपने छात्र जीवन के दौरान ही वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस ) के सदस्य बन गए थे और समाज का बेहतर करने के उद्देश्य से बीजेपी से जुड़ गए। उनके सक्रिय राजनीतिक जीवन की शुरुआत भारतीय जनता युवा मोर्चा अंबाला मंडल के महामंत्री बनने से हुयी। राजनीति में आगे बढ़ते हुए उन्हें पार्टी की ओर से जिला महामंत्री, प्रदेश कार्य समिति के सदस्य, भाजपा युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष आदि पदों की जिम्मेदारी भी सौंपी गयी।
जिसके बाद 2005 में उनकी नियुक्ति पार्टी के प्रदेश कोषाध्यक्ष के तौर पर हुयी। अगले ही वर्ष राष्ट्रीय कार्य समिति में वह सदस्य के तौर पर चुने गए, जिसके बाद उन्हें युवा मोर्चा कोषाध्यक्ष का पद भी मिला। हरियाणा बीजेपी के कोषाध्यक्ष के रूप में भी असीम गोयल को पदोन्नत किया गया। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने असीम गोयल की कार्य क्षमता और कुशल नेतृत्व को देखते हुए 2014 में उन्हें अंबाला विधानसभा चुनावों में प्रत्याशी के तौर पर उतारा और पार्टी की इस उम्मीद पर वह शत प्रतिशत खरे उतरे।
वर्ष 2019 के चुनावों में भी पार्टी ने उन्हें चुनावों में खड़ा किया और इस बार भी उन्होंने जीत हासिल की। असीम गोयल सामाजिक तौर भी काफी सक्रिय रहे हैं और जन कल्याण की भावना से विभिन्न कार्य करते रहे हैं। उन्होंने अपने छात्र जीवन में ही स्थानीय शमशान घाट में सुविधाएं बढ़ाने के लिए युवा जागरण मंच की स्थापना की थी। साथ ही वह रामलीला क्लब से भी जुड़े रहे और उसके अध्यक्ष पद पर रहते हुए असीम गोयल ने गांव में सांस्कृतिक उत्सवों, कार्यक्रमों का आयोजन, निर्धन कन्याओं का विवाह आदि सामाजिक कार्यों का संचालन किया।

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