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रांची । केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार पर वोट के लिए आबकारी कांस्टेबल भर्ती अभियान चलाने का आरोप लगाया, जिसमें 12 लोगों की जान चली गई। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के झारखंड चुनाव प्रभारी चौहान इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए रविवार को रांची पहुंचे थे। केंद्र सरकार में कृषि मंत्री के तौर पर कार्य कर रहे चौहान ने रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने युवाओं को 10 किलोमीटर तक दौड़ाया। इससे 12 युवाओं की मौत हो गई। 10 किलोमीटर की दौड़ कहीं नहीं हुई।’’
चौहान ने कहा कि प्रदेश में आसन्न चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री ने पांच लाख नौकरियों का वादा किया और वह यह जानते हैं कि वह इसे कभी पूरा नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, ‘‘उचित व्यवस्था के बिना, हेमंत सोरेन सरकार ने वोट के लालच में युवाओं को गुमराह करने की साजिश रची, जिसने कई युवाओं की जान ले ली।’’ चौहान ने आरोप लगाया कि सोरेन यह जानते थे कि इस समय भर्ती नहीं हो सकती, चाहे कितने भी साक्षात्कार क्यों न हो जायें।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह महज दुर्घटना नहीं है, बल्कि वोट के लालच में की गई हत्याएं हैं, जिसके लिए झारखंड के युवा सरकार को कभी माफ नहीं करेंगे।’’ हालांकि, सत्तारूढ़ झामुमो ने आरोप लगाया कि 2016 में भाजपा शासन में मूल्यांकन नियम में संशोधन किया गया था। पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि झारखंड आबकारी कांस्टेबल संवर्ग (भर्ती एवं सेवा शर्तें) नियम, 2013 में एक उम्मीदवार को छह मिनट में 1.6 किलोमीटर या एक मील दौड़ने का प्रावधान था।
उन्होंने बताया कि 22 अगस्त को शुरू हुए झारखंड आबकारी कांस्टेबल भर्ती अभियान के लिए शारीरिक परीक्षण के दौरान 12 उम्मीदवारों की मौत के बाद इसे रोक दिया गया था। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए, प्रतिदिन केवल 3,000 उम्मीदवारों का परीक्षण किया जाएगा और अभ्यास सुबह 8 बजे तक समाप्त हो जाएगा। पदाधिकारी ने बताया कि अब तक लगभग 1.87 लाख उम्मीदवारों ने दौड़ परीक्षण में भाग लिया है, जिनमें से 1.17 लाख उत्तीर्ण हुए हैं।