आज के समय में कई कारणों से महिलाओं में पीरियड्स और फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। PCOD, PCOS समेत अन्य कई स्वास्थ्य समस्याएं महिलाओं की फर्टिलिटी पर असर डालती है। हालांकि इनमें से कई कंडीशन्स के बारे में महिलाओं को जानकारी नहीं है। इन्हीं में से एक चॉकलेट सिस्ट भी है। आजकल इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि यह सिस्ट क्यों होती है और इसके कारण व लक्षण क्या हैं।
जानिए क्या है चॉकलेट सिस्ट
आजकल महिलाओं में चॉकलेट सिस्ट की समस्या बढ़ती जा रही है। यह सिस्ट ओवरी के अंदर होती है और इसका रंग भूरा होता है। जिसको एंडोमेट्रिओमा भी कहा जाता है। जब यूट्रस के बाहर एंटोमेट्रिअल टिश्यूज बढ़ने लगते हैं, तो यह सिस्ट का रूप ले लेते हैं। इसको चॉकलेट सिस्ट कहा जाता है और इसके अंदर लिक्विड भरा होता है। चॉकलेट सिस्ट के अंदर पुराना गहरे रंग का खून होता है, जिसकी वजह से यह चॉकलेट के रंग जैसी दिखती है। इसी वजह से इसे चॉकलेट सिस्ट कहा जाता है। असल में खून के थक्के एकत्र होकर यह सिस्ट की शक्ल ले लेते हैं।
इसे भी पढ़ें: Peas For Weight Loss: जानिए वजन कम करने में किस तरह सहायक है मटर
कारण
चॉकलेट सिस्ट का मुख्य कारण एंडोमेट्रियोसिस है। दरअसल, जब एंडोमेट्रिअल टिश्यूज यूट्रस के बाहर बढ़ने लगते हैं और यदि इन पर लंबे समय तक ध्यान न दिया जाए। तो इसकी वजह से पीरियड्स का ब्लड ओवरी में जाता है। जिसके कारण सिस्ट बन जाती है। पीरियड की ब्लड शरीर से पूरी तरह से बाहर न निकल पाने और इंटिमेट एरिया में चिपके रहने की वजह से सिस्ट का निर्माण होता है। एक या दो ओवरीज में सिस्ट हो सकती है, जिसकी वजह से ओव्यूलेशन पर भी असर पड़ता है। भले ही यह समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है। लेकिन महिलाओं को इस बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है। सिस्ट का असर महिलाओं की फर्टिलिटी पर होता है।