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हरियाणा में अक्तूबर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी उम्मीदवार की लिस्ट जारी होने के साथ ही एक नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है। वह है सुनील सांगवान का जिन्हें चरखी दादरी से बीजेपी ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है। सुनील सांगवान रोहतक जेल के अधीक्षक रह चुके हैं और डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को उनके जेल अधीक्षक रहते हुए 6 बार फरलो या परोल मिल चुकी है। हालांकि, सुनील सांगवान वर्तमान में गुरुग्राम की भौंडसी जेल में तैनात थे और हाल ही में जेल अधीक्षक के पद से वीआरएस ले ली थी। जिसको लेकर उन्होंने सरकार को पत्र लिखा और उनकी वीआरएस स्वीकार भी कर ली गई।
सांगवान वर्ष 2002 में हरियाणा जेल विभाग में शामिल हुए थे। जिसके बाद वे वर्ष 2017 से वर्ष 2022 तक रोहतक जेल के अधीक्षक रहे थे। उसी समय अगस्त 2017 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंचकूला में हिस्सा के बाद रोहतक जेल लाया गया था। जिसके बाद सीबीआई कोर्ट के विशेष जज जगदीप सिंह ने जेल में कोर्ट स्थापित कर 2 साध्वियों से यौन शोषण मामले में राम रहीम 10-10 साल की सजा सुनाई थी। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड और डेरा के पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या में गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सजा हुई थी। हालांकि, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने उन्हें रणजीत सिंह हत्याकांड में तो बरी कर दिया था।
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को वर्ष 2017 से अब तक 10 बार परोल या फरलो मिल चुकी है। इसमें से 6 बार तो सुनील सांगवान के जेल अधीक्षक रहते हुए ही मिली है। गौरतलब है कि हरियाणा सदाचारी बंदी (अस्थायी रिहाई) अधिनियम जेल अधीक्षक को कैदियों को पैरोल या फरलो देने के लिए मामलों की सिफारिश जिला मजिस्ट्रेट से करने का अधिकार देता है। इसी अधिकार के तहत सुनील सांगवान ने 6 बार राम रहीम की सिफारिश की थी। चरखी दादरी से बीजेपी उम्मीदवार पूर्व जेल अधीक्षक सुनील सांगवान के पिता सतपाल सांगवान, भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मुख्यमंत्री रहते हुए हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं। वे चरखी दादरी से 6 बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि जीत सिर्फ 2 बार ही मिली थी।