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न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में हार झेलने के बाद टीम इंडिया में वॉशिंगटन सुंदर को बतौर ऑलराउंडर टीम इंडिया में शामिल किया गया है। वॉशिंगटन सुंदर ने दिल्ली के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 152 रन बनाए थे।
वहीं इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक शुभमन गिल अभी भी गर्दन की जकड़न से ठीक नहीं हो पाए हैं वहीं केएल राहुल फॉर्म में नहीं हैं और ऋषभ पंत को घुटने में तकलीफ है। ऐसे में पुणे टेस्ट में पहले भारत अपनी बल्लेबाजी को लेकर चिंतित है। 0-1 से पिछड़ने के बाद इस बात को लेकर भी काफी दिलचस्पी है कि पुणे में भारत किस तरह की पिच का चुनाव करेगा। बेंगलुरु में कीवी तेज गेंदबाजों के सामने उनकी बल्लेबाजी फ्लॉप रही थी। हालांकि, ये बल्लेबाजो को दिक्कत परिस्थितियों की वजह से हुई खासकर जब पिच पूरे दिन कवर्स से ढकी रही।
अक्षर पटेल टीम में पहले से ही हैं, लेकिन फिर भी वॉशिंगटन सुंदर को शामिल करने का अनुरोध टीम प्रबंधन ने ही किया था। उनका मानना है कि पुणे में उनकी फिंगर स्पिन काम आ सकती है और वह बल्लेबाज के तौर पर भी भरोसेमंद विकल्प हो सकते हैं।
भारत के व्हाइट बॉल सेटअप के नियमित सदस्य होने के बावजूद वॉशिंगटन ने 2021 के बाद से कोई टेस्ट नहीं खेला है जब विराट कोहली कप्तान थे और रवि शास्त्री मुख्य कोच थे। गौतम गंभीर के मुख्य कोच बनने के बाद भारतीय टीम ने बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में गहराई को प्राथमिकता दी है। ऑस्ट्रेलिया दौरे को देखते हुए ऑलराउंडर विकल्प होने से भारत को टीम संतुलन की चिंता किए बिना एक मजबूत तेज गेंदबाजी आक्रमण के साथ उतरने का विकल्प मिलेगा।
वहीं ऐसा भी कहा जा रहा है कि पुणे में टर्निंग पिच का विकल्प भारत चुन सकता है। लेकिन वे ये विकल्प चुनते हैं या नहीं ये देखना अभी बाकी है। ऐसे में भारत के लिए घबराने और रैंक टर्नर का विकल्प चुने का कोई कारण नहीं है क्योंकि चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में उनका पहली पारी का कुल स्कोर 46 रन था। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के अंक हासिल करने के लिए भारत सफलता के अपने पुराने फॉर्मूले पर वापस आ सकता है।