Breaking News
-
रसड़ा में दूध के टैंकर से टकराई बाइक, युवक की मौत Please LIKE and FOLLOW…
-
अमेरिका ने ऐसी तबाही मचाई है जिसने रातों रात भारत के कई दुश्मन देश निपट…
-
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए राहुल…
-
देश की राजधानी दिल्ली में एक दिन बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर…
-
दिल्ली विधानसभा चुनाव के तहत सभी 70 विधानसभा सीटों पर 05 फरवरी को मतदान होना…
-
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए एक चरण में 05 फरवरी को मतदान होना है। दिल्ली…
-
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 05 फरवरी को मतदान होने हैं। ऐसे में सभी पार्टियों…
-
कर्नाटक के अनुभवी राजनेता बी आर पाटिल ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के राजनीतिक सलाहकार के पद…
-
दिल्ली पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में जनवरी 2025 में 2024 और…
-
आज दिनांक 03 फरवरी 2025 को जेवर स्थित खंड विकास कार्यालय पर क्षेत्र पंचायत की…
नयी दिल्ली । पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का मानना है कि भारत के स्टार बल्लेबाजों ने पिछले कुछ वर्षों में टर्निंग (स्पिनरों की मददगार) पिचों पर खेलने से अपना आत्मविश्वास खो दिया है जिससे उनके घरेलू औसत में गिरावट आई है और उनके करियर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। भारत 12 वर्षों में अपनी पहली टेस्ट श्रृंखला हार गया। न्यूजीलैंड के खिलाफ पुणे की टर्निंग पिच पर भारत ने महत्वपूर्ण टॉस गंवा दिया और इसके बाद टीम 156 और 245 रन ही बना सकी। इसमें न्यूजीलैंड के मुख्य स्पिनर मिशेल सैंटनर ने 13 विकेट लिए।
हरभजन ने पीटीआई से कहा, ‘‘आपका घरेलू मैदान पर इतने लंबे समय तक शानदार रिकॉर्ड रहा है और अगर आप हार जाते हैं तो जाहिर है कि चर्चा होगी। न्यूजीलैंड जिस तरह से खेला, उसे उसका श्रेय जाता है और ये विदेशी परिस्थितियां थीं और ऐसी पिच भी नहीं थी जिसमें ज्यादा दरार हो। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पिनरों के लिए अनुकूल परिस्थितियां थीं, जहां गेंद को पहले घंटे से ही टर्न लेना चाहिए था। ’’
उन्होंने भारतीय टीम की सोचने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘पिछले दशकों के दौरान के चलन को देखें। हम पिछले दशक में ज्यादातर टर्नर पर इस उम्मीद के साथ खेल रहे हैं कि हम टॉस जीतेंगे और 300 रन बनाएंगे और मैच पर नियंत्रत करेंगे। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम नहीं जानते कि पासा उलटा पड़ जायेगा और टर्निंग पिच पर हमारे बल्लेबाजी चलेगी या नहीं। हमारे बल्लेबाजों ने इन पिचों पर खेलते हुए आत्मविश्वास खो दिया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण अजिंक्य रहाणे हैं जो एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं। इस तरह की पिचों के कारण उनका करियर प्रभावित हुआ।