कांग्रेस ने मंगलवार को झारखंड में अपना चुनावी घोषणापत्र घोषित कर दिया। पार्टी ने राज्य में 250 यूनिट मुफ्त बिजली और जाति आधारित सर्वेक्षण का वादा किया है। पार्टी घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष बंधु तिर्की द्वारा अनावरण किया गया घोषणापत्र, 1932 खतियान-आधारित अधिवास नीति और आदिवासियों के सरना धार्मिक कोड के कार्यान्वयन सहित सात वादों पर केंद्रित है। राज्य की कुल 81 सीटों में से 43 सीटों के लिए पहले चरण के मतदान से एक दिन पहले घोषणापत्र जारी किया गया
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बंधु तिर्की ने कहा कि घोषणापत्र में गरीबों को वर्तमान में 200 यूनिट के मुकाबले 250 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का वादा किया गया है। हम एक साल में सभी खाली सरकारी पदों को भर देंगे। उन्होंने कहा कि झारखंड में आदिवासियों के हितों को ध्यान में रखते हुए मेनिफेस्टो कमेटी ने हर जिले में चौपाल लगाई और जनता से बातचीत की. हमने यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास किया कि हमारा मेनिफेस्टो आम लोगों के लिए हो।
कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मजबूत प्रदर्शन का विश्वास जताते हुए मंगलवार को कहा कि हरियाणा के विपरीत झारखंड इकाई में कोई गुटबाजी नहीं है और चुनाव से पहले सभी निर्णय वरिष्ठ नेताओं के बीच आम सहमति से लिए गए। उन्होंने कहा कि हरियाणा की किसी अन्य राज्य से तुलना नहीं हो सकती।उन्होंने वहां चुनाव प्रक्रिया पर कांग्रेस द्वारा निर्वाचन आयोग में दर्ज कराई गई शिकायतों की ओर भी इशारा किया।
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कांग्रेस महासचिव ने यह भी दावा किया कि झारखंड की ‘इंडिया’ गठबंधन सरकार के पक्ष में एक ‘‘सत्ता समर्थक लहर’’ है जो हेमंत सोरेन के नेतृत्व में आगे बढ़ रही है, जबकि भाजपा के पास कोई दमदार आवाज नहीं है और राज्य का नेतृत्व करने के लिए किसी को भी आगे नहीं किया गया। मीर ने भरोसा जताया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा-कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल-भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) लिबरेशन गठबंधन पिछले चुनावों से बेहतर प्रदर्शन करेगा और 81 सदस्यीय विधानसभा में 50 सीटों के आंकड़े को पार कर सकता है। झारखंड में 2019 के विधानसभा चुनावों में झामुमो ने 30 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस ने 16 और राजद ने एक सीट पर जीत हासिल की थी।