भारत के प्रमुख हिंदी समाचार पोर्टल प्रभासाक्षी.कॉम की 23वीं वर्षगाँठ पर नई दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में ‘विचार संगम’ कार्यक्रम के आयोजन में खास चर्चा हुई है। इस कार्यक्रम में शिरकत करते हुए सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि वैश्विक मंच पर खुद को स्थापित करना ही विश्व में अशांति फैली हुई है। रूस, चीन और फ्रांस का टकराव हो रहा है जो कई बार विश्व के सामने भी नहीं आता है।
सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि आईमैक जो भारत ने घोषणा की थी, ये भारत का सीधा जवाब था जो गलियारों की बात कर रहे थे। भारत के इनिश्एटिव ही जवाब देने को तैयार है। ग्रीस में भारत ने इंवेस्टमेंट किए है। भारत ने दो पोर्ट्स में इंवेस्टमेंट किया है। इन यात्राओं का परिणाम भी देखने को मिलेगा। नाइजीरिया भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गए थे, जो एक महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था है। नाईजीरिया ऐसी अर्थव्यवस्था है जहां की सरकार लड़ रही है कमजोर वर्ग के लिए है।
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चर्चा के दौरान बोलते हुए अश्विनी महाजन ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री की शुरुआत नहीं हो सकी। किसी भी प्रोडक्ट को देखें तो उनकी शुरुआत नहीं सकी। एक समय़ था जब भारत में सब कुछ इंपोर्ट हो रहा था। फिर भारत में मेक इन इंडिया आया। समस्या का समाधान ये ही लेकर आया है। समस्या के सामने आने पर ही समाधान भी आया है। किसी समय में निर्यात अधिक होता था मगर अब भारत कई चीजों को निर्यात करने में अग्रणी हो गया है। देश की जनता अब चीन से कोई सामान नहीं खरीदना चाहती है। अब देश का बच्चा बच्चा भी चीन का सामान खरीदने का इच्छुक नहीं है। पहले के समय में काफी सामान चीन से आता था मगर अब भारत में ही इसका निर्माण होने लगा है। आज आत्मनिर्भर भारत बन रहा है, जिसमें हम सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि दुनिया के लिए भी सामान का निर्माण कर रहे है।
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वोकल फॉर लोकल को लेकर भी हुई चर्चा
अश्विनी महाजन ने कहा कि वोकल फॉर लोकल का असर देश में देखने को मिल रहा है। देश के कारिगरों को आगे बढ़ाने का काम करने पर काम हो रहा है। मेक इन इंडिया तभी होगा जब चीन बाहर होगा। आत्मनिर्भर भारत की चर्चा से देश और समाज में भी आत्मविश्वास आया है। कोविड का प्रकोप आने के कारण दुनिया में भय का माहौल था। विकसित देशों का दंभ कोविड के दौरान टूटा। वहीं भारत ने उस समय में मेडिकल इक्विपमेंट्स का निर्माण करना देश में शुरू हुआ।
उन्होंने एक महीने में ही कई इक्विपमेंट बनाए गए है। देश में जनता 100 फीसदी कोरोना की वैक्सीन लगवा चुकी है। भारत आज ऐसी स्थिति में है जब भारत की तकनीक इतनी विकसित है कि भारत चांद पर पहुंचा। वर्ल्ड बैंक को जानना चाहिए कि देश अपनी तकनीक के जरिए देश को विकास की नई यात्रा की ओर ले जा रहा है।