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राहुल गांधी ने बिहार की जाति जनगणना को बताया फर्जी, ललन सिंह का पलटवार, बोले- वह खुद फर्जीवाड़े के सरदार

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि बिहार में कराया गया जाति आधारित सर्वेक्षण ‘फर्जी’ था। राज्य की राजधानी में संविधान बचाओ सम्मेलन में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि कांग्रेस हर कीमत पर देशव्यापी जाति जनगणना सुनिश्चित करेगी। कांग्रेस नेता ने कहा कि हम जाति जनगणना सुनिश्चित करेंगे, भले ही हमें राजनीतिक नुकसान उठाना पड़े।” उन्होंने कहा कि यह बिहार में कराए गए जाति सर्वेक्षण जैसा नहीं होगा, जो ‘फर्जी’ निकला था।
 

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इसके बाद सियासत तेज हो गई है। भाजपा और जदयू की ओर से राहुल गांधी पर पलटवार किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री और जदयू नेता राजीव रंजन (ललन) सिंह ने राहुल को फर्जीवाड़े का सरदार बता दिया। ललन सिंह ने कहा कि उसे हर चीज़ नकली लगती है जबकि वह ख़ुद नकलीपन के ‘सरदार’ हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में जो जातीय जनगणना हुई, उसी के आधार पर वह (देशव्यापी) जातीय जनगणना की मांग कर रहे थे। जब हम इंडिया गठबंधन का हिस्सा थे और यही मांग कर रहे थे, तब वे चुप थे। वे चुप क्यों थे?
 

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राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि यह वही कांग्रेस पार्टी है जिसके शासन में भागलपुर में दंगे हुए थे। राहुल गांधी को आपातकाल लगाने के लिए जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा के सामने माफी मांगनी चाहिए थी। जेडीयू नेता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार के 20 साल के कार्यकाल में जाति जनगणना उनके द्वारा लिए गए अहम फैसलों में से एक है। इस जातीय जनगणना के आधार पर बिहार में आर्थिक रूप से पिछड़े 94 लाख परिवारों को 2 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अपने (कांग्रेस) 55 साल के कार्यकाल के बारे में भी बोलना चाहिए, उन्होंने आरक्षण के लिए क्या किया, जाति जनगणना के संबंध में क्या किया? 

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