आपको याद होगा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सामने बैठे थे। उस दौरान का एक वाक्या खासा वायरल हुआ था। घबराहट के मारे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ईयर फोन तक ठीक से नहीं लगा पा रहे थे। मगर पीएम मोदी के डर से तो अब शहबाज शरीफ मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से भी घबरा रहे हैं। पाकिस्तान की सरकार भारत में बने मोबाइल फोन से डर गई है। इसलिए पाकिस्तान की सरकार ने भारत में बने मोबाइल फोन को लेकर बहुत बड़ा ऐलान कर दिया है। पाकिस्तान को मेड इन इंडिया फोन से डर लगने लगा है। पाकिस्तान को लग रहा है कि जिस तरह इजरायल ने पेजर के जरिए हिजबुल्लाह के आतंकियों को उड़ा दिया था। ठीक उसी तरह से मेड इन इंडिया फोन पाकिस्तान को बर्बाद कर सकते हैं। पाकिस्तानी सेना और सरकार का सीक्रेट डेटा चोरी हो सकता है।
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एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान भारत में बने इलेक्ट्रानिक डिवाइस और मोबाइल फोन का इस्तेमाल बंद करना चाहती है। पाकिस्तान ने भारत में बने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को अपने लिए बड़ा खतरा घोषित किया है। हैरानी की बात ये है कि पाकिस्तान भारत में बने आईफोन को भी नेशनल सिक्योरिटी थ्रेट मान रहा है। इसलिए पाकिस्तान के सभी मंत्रियों और सभी प्रांतों के चीफ सेक्रेटरी को लेटर भेजा गया है। इस लेटर में कहा गया है कि मेड इन इंडिया फोन से बच कर रहना। पाकिस्तान का कहना है कि भारत में बनने वाले मोबाइल फोन और दूसरे डिवाइस से सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में कुछ ऐसी चीजें लगाई जा सकती हैं जो पाकिस्तान की सारी खुफिया जानकारी निकाल लेंगी। भारत में बने डिवाइस के चलते पाकिस्तान का डेटा हैक हो सकता है। एक बड़ा साइबर अटैक भी हो सकता है।
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कई पाकिस्तानी बोल रहे हैं कि जब इजरायल पेजर के जरिए हिजबुल्लाह के आतंकियों को उड़ा सकता है तो भारत भी मेड इन इंडिया मोबाइल के जरिए पाकिस्तान की सेना को उड़ा सकता है। गौरतलब है कि 17 सितंबर को लेबनान की राजधानी बेरूत में जनजीवन बिल्कुल सामान्य सा दिख रहा था। तभी कुछ ऐसा हुआ जिसने पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया। लेबनान में सिलसिलेवार ढंग से धमाके शुरू हुए। किसी की जेब में तो किसी के हाथ में रखे पेजर अपने आप फटने लगे। जब तक सिलसिला थमता तब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी थी। 4000 से ज्यादा लोग अस्पताल पहुंच चुके थे। दुनिया में पहली बार ऐसा खतरनाक हमला हुआ है जिसके बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं होगा। एक साथ हजारों धमाके हुए, 3 हजार लोग घायल हो गए और 13 लोगों की मौत हो गई। इजरायल ने पेजर के जरिए हिजबुल्लाह के आतंकियों की लोकेशन ट्रैक की और मौका मिलते ही सभी के पेजर पर एक साथ मैसेज भेज दिया। जिसने मैसेज को पढ़ लिया वो ब्लास्ट का शिकार हो गया।