केंद्रीय बजट 2025 पर कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने अपनी निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह बेहद निराशाजनक बजट है, यह बिना विजन वाला बजट है। यह बजट कर्नाटक राज्य की मांगों को पूरा नहीं करता है। केंद्र सरकार ने इस बजट में कर्नाटक से हमारे द्वारा अनुरोधित किसी भी परियोजना की घोषणा नहीं की है। सिद्धारमैया ने ने कहा कि केंद्रीय बजट देश के नजरिए से तो ठीक हो सकता है, लेकिन कर्नाटक के नजरिए से यह बेहद निराशाजनक है। उन्होंने कर्नाटक को एक खाली बर्तन दे दिया है, कर्नाटक में सिंचाई परियोजनाओं के लिए कोई पैसा आवंटित नहीं किया गया है।
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सिद्धरमैया ने कहा कि उन्होंने इस बजट में शामिल करने के लिए केंद्र को कई अनुरोध भेजे थे, लेकिन उन पर विचार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि लोग जानते हैं कि कर्नाटक दूसरा सबसे अधिक कर देने वाला राज्य है, लेकिन उसे कर में सबसे कम हिस्सेदारी मिलती है। सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘कनकपुरा में कावेरी पर मेकेदातु जलाशय, ऊपरी भद्रा जल परियोजना, महादयी नदी और कृष्णा नदी सिंचाई परियोजनाओं जैसी हमारी परियोजनाओं पर कोई विचार नहीं किया गया। हमें बजट से बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन यह उन पर खरा नहीं उतर सका।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बेंगलुरू में हमने वर्षा जल निकासी परियोजना और व्यापार गलियारों के लिए धन मांगा था, लेकिन हमें ‘खाली चोम्बू’ मिला। कुल मिलाकर, यह बजट कर्नाटक को ‘चोम्बू’ देता है।’’
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मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बिहार और आंध्र प्रदेश को बजट में बड़ा हिस्सा मिला है। सिद्धरमैया ने रेखांकित किया, ‘‘केंद्र में गठबंधन सरकार है। राजनीतिक कारणों से बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष अनुदान दिया गया है। पिछले साल और इस साल भी उन्हें पैकेज दिया गया। एक तरह से यह बजट बिहार और आंध्र प्रदेश पर अधिक जोर देता है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें ऐसा लग रहा है कि जिस तरह कर्नाटक को ‘चोम्बू’ मिला, उसी तरह बिहार को भी ‘चोम्बू’ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने हालांकि, स्वीकार किया कि उन्होंने पूरा बजट नहीं पढ़ा है और वह सीतारमण का पूरा बजट भाषण नहीं सुन सके।