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इंजीनियर राशिद को राहत, संसद सत्र में भाग लेने के लिए मिली 2 दिन की हिरासत पैरोल

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के सांसद इंजीनियर रशीद को दो दिन की हिरासत पैरोल दे दी, जिन्हें यूएपीए के तहत दर्ज आतंकी फंडिंग मामले में हिरासत में लिया गया है। राशिद ने संसदीय बजट सत्र में भाग लेने के लिए हिरासत पैरोल की मांग की थी। न्यायमूर्ति विकास महाजन ने आदेश सुनाते हुए कहा कि इस मामले के अजीबोगरीब तथ्यों को देखते हुए 2 दिनों के लिए कस्टडी पैरोल दी जा रही है… शर्तें लगाई गई हैं। कोर्ट ने राशिद को 11 और 13 फरवरी के लिए कस्टडी पैरोल दी है।
 

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राशिद को अपने मोबाइल फोन के साथ-साथ इंटरनेट तक पहुंच से रोक दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता संसद में भाग लेने की अपनी सीमित जिम्मेदारी को छोड़कर किसी भी व्यक्ति से बातचीत नहीं करेगा। वह किसी भी तरीके से मीडिया को संबोधित नहीं करेंगे। इस मामले में पिछले हफ्ते फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। अदालत ने राशिद के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा को सुना।
 

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रशीद ने इससे पहले उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि पिछले साल लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अदालत द्वारा उनकी जमानत याचिका पर विचार करने के बाद उन्हें अधर में छोड़ दिया गया था, क्योंकि वह विशेष एमपी/एमएलए अदालत नहीं है। अंतरिम राहत के तौर पर उन्होंने अभिरक्षा पैरोल दिये जाने का अनुरोध किया है। एनआईए की ओर से पेश वकील ने अभिरक्षा पैरोल दिए जाने का विरोध करते हुए कहा कि रशीद को संसद में उपस्थित होने का कोई निहित अधिकार नहीं है और उन्होंने राहत मांगते समय कोई “विशिष्ट उद्देश्य” नहीं दिखाया है। एजेंसी ने सुरक्षा संबंधी चिंताएं भी जताई थीं। एनआईए द्वारा 2017 के आतंकी-वित्तपोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किए जाने के बाद रशीद 2019 से यहां तिहाड़ जेल में बंद हैं।

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