दुनिया के दो ताकतवर नेताओं की महामुलाकात हो गई है। डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को देखते ही कहां कि मैंने आपको काफी मिस किया। इस मुलाकात में पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच जबरदस्त बॉन्डिंग दिखी। ट्रंप ने आदर दिखाते हुए पीएम मोदी के लिए कुर्सी पीछे खींची। डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को एक किताब भी गिफ्ट में दी। इस किताब में ट्रंप के भारतीय दौरे की तस्वीरें और यादें थी। अमेरिका में हुए हाउडी मोदी कार्यक्रम की भी तस्वीरें थी। भारत और अमेरिका की दोस्ती को दर्शाते कुछ किस्से भी थे। डोनाल्ड ट्रंप ने इस किताब पर लिखा मिस्टर प्राइम मिनिस्टर यू आर ग्रेट। लेकिन असली खेल इसके बाद हुआ। पीएम मोदी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए ट्रंप से बांग्लादेश पर सवाल पूछा गया। इसके जवाब में डोनाल्ड ट्रंप ने जो कहा वो हैरान करने वाला था। ट्रंप ने कहा कि मैं बांग्लादेश की जिम्मेदारी पीएम मोदी पर छोड़ता हूं।
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ट्रंप ने कहा कि बांग्लादेश पर फैसला पीएम मोदी करेंगे। ये कहते हुए ट्रंप पीएम मोदी की तरफ देखने लगे। आपको बता दें कि इस बयान के बहुत बड़े मायने हैं। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि डोनाल्ड ट्रंप खुलेआम भारत को क्या इशारा दे रहे हैं। क्या डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को फ्री हैंड दे दिया है। क्या भारत अब बांग्लादेश में जो करना चाहता है वो कर सकता है। ट्रंप ने साफ कहा कि मैं बांग्लादेश के मुद्दे को पीएम मोदी पर छोड़ता हूं। आपको बता दें कि जिस समय व्हाइट हाउस में पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात चल रही थी। वहीं से छोड़ी दूरी पर कुछ लोग मोहम्मद यूनुस की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। मोहम्मद युनूस सरकार को सत्ता से हटाने की बातें कर रहे थे।
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विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बांग्लादेश में हाल के घटनाक्रम के प्रति अपनी चिंताओं से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अवगत कराया और उन्हें बताया कि भारत इस स्थिति को किस रूप में देखता है। ट्रंप ने बृहस्पतिवार (भारतीय समयानुसार शुक्रवार) को व्हाइट हाउस में मोदी की मेजबानी की। इस दौरान दौरान उन्होंने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। मिसरी ने संवाददाताओं से कहा कि बांग्लादेश की स्थिति दोनों नेताओं के बीच चर्चा का विषय थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश के घटनाक्रम के बारे में अपने विचार और चिंताओं को साझा किया तथा बताया कि भारत इसे किस रूप में देखता है। विदेश सचिव ने कहा कि मुझे लगता है कि हम आशा करते हैं कि बांग्लादेश की स्थिति उस दिशा में आगे बढ़ेगी, जहां हम उनके साथ रचनात्मक और स्थिर तरीके से संबंधों को आगे बढ़ा सकते हैं।