बीसीसीआई इस समय अपने नियमों को लेकर सख्त है। ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद हुई बैठक में बोर्ड ने कुछ फैसले किए थे और उन पर वो कायम है। इंग्लैंड के भारत दौरे पर ये देखने को भी मिला। बोर्ड ने फैसला किया था कि सपोर्ट स्टाफ के सदस्यों का कोई भी मैनेजर टीम के साथ नहीं होगा और इंग्लैंड सीरीज के दौरान ऐसा ही हुआ।
ये फैसला इसलिए किया गया था क्योंकि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गौतम गंभीर के पीए टीम होटल में ही रुक रहे थे और टीम के साथ ही थे। वह एडिलेड के हॉस्पिटेलिटी बॉक्स में भी घूम रहे थे। इसी कारण बीसीसीआई ने ये फैसला किया था।
हालांकि, इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में ऐसा नहीं हुआ। समाचार एजेंसी पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि, कोचिंग स्टाफ के पर्सनल सेकेट्री, जो लगातार टीम होटल में रह रहा था वह अब दूसरे होटल में रहते हैं। हालांकि, वह इंग्लैंड सीरीज के दौरान हर मैच में स्टेडियम में उपलब्ध थे।
रिपोर्ट में गंभीर का नाम नहीं है लेकिन टीम इंडिया के मौजूदा कोचिंग स्टाफ में से सिर्फ गंभीर ही इकलौते हैं जिनका अपना खुद का पीए है जो टीम के साथ सफर करता है। ऑस्ट्रेलिया में गंभीर के पीए की हर मैदान पर मौजूदगी ने बीसीसीआई को परेशान कर दिया था।
पीटीआई ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा था कि, उनका पीए उस कार में क्यों बैठा है जो नेशनल सेलेक्टर्स के लिए है। कार में तीसरे इंसान की मौजदूगी के कारण वह चीजें प्राइवेट में डिस्कस भी नहीं कर सकते। उन्हें एडिलेड में बीसीसीआई के हॉस्पिटेलिटी बॉक्स में भी जगह दी गई थी?
बीसीसीआई ने कोचिंग स्टाफ के पीए के साथ जाने, रुकने पर ही रोक नहीं लगाई थी बल्कि खिलाड़ियों के परिवार के रुकने की भी समय सीमा तय कर दी थी। पहले पूरे दौरे के दौरान परिवार खिलाड़ियों के साथ रह सकता था, लेकिन अब इसमें कटौती कर दी है। 45 दिन के दौरे पर परिवार दो सप्ताह से ज्यादा खिलाड़ी के हाथ नहीं रह सकता।