प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भाजपा शासन के दौरान असम की अर्थव्यवस्था का मूल्य दोगुना होकर छह लाख करोड़ रुपये हो गया, यह ‘डबल इंजन’ सरकार का असर है। वह असम व्यापार शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत की आर्थिक वृद्धि निश्चित बनी है। मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं ने देश के विकास की उम्मीद जगाई है। मोदी ने दावा किया कि असम स्टार्ट-अप इकाइयों का गंतव्य बन रहा है, जल्द ही पूर्वोत्तर के लिए विनिर्माण केंद्र बन जाएगा। उन्होंने दावा किया कि राजनीतिक स्थिरता, सुशासन और सुधारों ने भारत के प्रति दुनिया की उम्मीदें बढ़ाईं।
इसे भी पढ़ें: नकारात्मकता चरम पर हो तो गरिमा का ख़्याल न करते हुए मानसिकता शब्दों में प्रकट होती है: अखिलेश
मोदी ने कहा कि आज भारत अपनी स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत कर रहा है। आज भारत, दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों कर रहा है। ईस्ट एशिया के साथ हमारी कनेक्टिविटी लगातार सशक्त हो रही है और नया बन रहा भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा भी अनेक नई संभावनाएं लेकर आ रहा है। उन्होंने कहा कि आज जब भारत विकास की ओर बढ़ रहा है तो एक बार फिर पूर्वी भारत सबसे आगे है। हमारा नॉर्थ ईस्ट अपना सामर्थ्य दिखाने जा रहा है। मैं एडवांटेज असम को इसी भावना के प्रतिनिधित्व के रूप में देखता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं असम सरकार और हिमंता जी की पूरी टीम को इस भव्य आयोजन के लिए बधाई देता हूं। मुझे याद है कि 2013 में मैं चुनाव प्रचार के लिए असम के दौरे पर था। एक मीटिंग में मेरे मन में एक वाक्य आया और मैंने वर्णमाला पढ़ते-पढ़ते कहा कि अब दिन दूर नहीं, कहो ए फॉर असम। उन्होंने कहा कि सरकार देश के आधारभूत संरचना पर भी बहुत बड़ा इन्वेस्टमेंट कर रही है। संस्थागत सुधार, उद्योग, बुनियादी ढाँचा और नवाचार भारत की प्रगति का आधार है। इसलिए इंवेस्टर भी देश के क्षमता को उनकी और देश की प्रगति की संभावना को बदलता हुआ देख रहे हैं। इस प्रगति में असम भी डबल इंजन की स्पीड से आगे बढ़ रहा है।
इसे भी पढ़ें: दिल्ली में विधानसभा नई, हंगामा वही, नवगठित विधानसभा के पहले दिन दिखा बदला-बदला-सा नजारा
मोदी ने दावा किया कि भारत ने अपने विनिर्माण क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए मिशन मोड पर काम शुरू किया है। हम मेक इन इंडिया के तहत कम लागत विनिर्माण को बढ़ावा दे रहे हैं। असम की क्षमताओं का एक उदाहरण असम चाय है। इस ब्रांड ने 200 साल पूरे कर लिए हैं। यह विरासत असम को अन्य क्षेत्रों में भी उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि बीते 10 वर्षों में भारत ने अपनी पर्यावरणीय जिम्मेदारियाँ को समझते हुए भी नीतिगत निर्णय लिए हैं। दुनिया हमारे नवीकरणीय ऊर्जा मिशन को एक मॉडल अभ्यास का पालन कर रही है।