झगड़े, बहस और कई तरह की रोक के बाद आखिरकार एक बार फिर अमेरिका यूक्रेन के बीच की लड़ाई खत्म हो रही है। युद्ध के बीच पिछले एक महीने में यूक्रेन ने अपने सबसे मजबूत सहयोगी को उसे खुद से अलग होते हुए देखा। जेलेंस्की के लिए ये सबसे बड़ी चुनौती थी कि वो अमेरिका को अपने साथ रखे। लेकिन फिर एक झगड़े ने सबकुछ खराब कर दिया। लगा कि अब यूक्रेन के लिए शामत आ चुकी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमीर जेलेंस्की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आपस में ही भिड़ गए। बहस की तस्वीर पूरी दुनिया ने देखी। लेकिन एकबार फिर यूक्रेन के राष्ट्रपति ने अमेरिका को बातचीत के लिए मना लिया है। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की सऊदी अरब में मौजूद हैं। इससे पहले भी अमेरिका, रूस और सऊदी के बीच एक बैठक रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर हुई थी। तब यूक्रेनी राष्ट्रपति को इस बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था। वो इस बैठक में नहीं आए थे। वहीं बैठक को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने तो टाइमलाइन तक जारी कर दी है। ट्रंप ने कहा कि इसी हफ्ते अच्छी खबर आ सकती है।
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मास्को पर ड्रोन हमला
सऊदी अरब के जेद्दा में 11 मार्च को तीन साल से जारी रूस और यूक्रेन की जंग रोकने को बातचीत हुई है। बैठक यूक्रेन और अमेरिका के टॉप अधिकारी मौजूद रहे हैं। बैठक ऐसे समय में हुई है, जब सोमवार रात यूक्रेन ने रूस की राजधानी मास्को पर ड्रोन हमला किया। रूस ने दावा किया है कि 337 यूक्रेनी ड्रोन मार गिराए। ड्रोन अटैक में दो लोगों की मौत हो गई, 18 लोग जख्मी हो गए। एयरपोर्ट बंद कर दर्जनों उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ा।
ट्रंप ने इस पर क्या कहा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन युद्ध विराम पर सहमत हो गया है। अब हमें रूस जाना है और उम्मीद है कि राष्ट्रपति (व्लादिमीर) पुतिन भी इस पर सहमत होंगे। शहरों में लोग मारे जा रहे हैं, शहरों में विस्फोट हो रहे हैं। हम चाहते हैं कि यह युद्ध समाप्त हो जाए, यह पूर्ण युद्ध विराम है। यूक्रेन इस पर सहमत हो गया है और उम्मीद है कि रूस भी सहमत होगा। युद्ध विराम बहुत महत्वपूर्ण है। अगर हम रूस से ऐसा करवा पाते हैं, तो यह बहुत अच्छा होगा।
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सीजफायर की तैयारी में यूक्रेन ?
वहीं खबरों के अनुसार यूक्रेन ने अमेरिका का प्रस्ताव मान लिया है, सीजफायर की अवधि 30 दिनों की होगी। अब ये प्रस्ताव रूस के सामने रखा जाएगा। काला सागर क्षेत्र में संघर्ष विराम, मिसाइल हमलों पर रोक और युद्धबंदियों की रिहाई शामिल होगी। अमेरिकी विदेश मंत्री ने बताया कि इस बैठक में दुर्लभखनिजों को लेकर एक समझौता भी हो सकता है, जिसमें ट्रंप विशेष दिलचस्पी रखते हैं। वहीं, रूस ने अभी तक किसी भी तरह के समझौते की पेशकश नहीं की है।