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‘पंजाबी फिल्म उद्योग की रानी’ और ‘पंजाबी फिल्मों की हेमा मालिनी’ के रूप में जानी जाने वाली दिग्गज अभिनेत्री दलजीत कौर का गुरुवार को लुधियाना जिले के सुधार में उनके आवास पर निधन हो गया। वह 68 वर्ष की थीं। पिछले कुछ सालों से दलजीत कौर मुंबई से शिफ्ट होने के बाद अपने रिश्तेदार हरजिंदर सिंह खंगुरा के साथ सुधर में रह रही थी। उनकी तबियत खराब रहने लगी थी इस लिए वह मुंबई से पंजाब शिफ्त हुई। खंगुरा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वह डिमेंशिया से पीड़ित थीं और लंबी बीमारी के कारण उनका निधन हो गया।
उनकी आखिरी फिल्मों में जो उन्होंने शूट की थी, वह ‘मोगा टू मेलबर्न वाया चंडीगढ़’ थी, जो पंजाब के युवाओं के विदेश जाने पर व्यंग्य था, जिसकी परिकल्पना पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने की थी। कौर और मान फिल्म में सह-अभिनेता थे। मान फिल्म के कहानीकार भी थे। भले ही फिल्म की शूटिंग 2013 में हुई थी, लेकिन यह आज तक रिलीज नहीं हुई है। इसे एक दुखद विडंबना कहें कि कौर के एक बार मान की सह-कलाकार होने के बावजूद, पंजाब सरकार या लुधियाना जिला प्रशासन से कोई भी उसके दाह संस्कार में शामिल नहीं हुआ या उसके निधन के बाद उनके परिवार को शोक के लिए नहीं बुलाया।
अनुभवी अभिनेता और ‘मोगा टू मेलबर्न…’ के अभिनेताओं में से एक राणा जंग बहादुर ने कहा, “मैंने इस फिल्म के लिए कौर के नाम की सिफारिश की थी क्योंकि वह एक असाधारण प्रतिभाशाली अभिनेत्री थीं और भगवंत मान ने अपनी हास्य व्यंग्य शैली में एक सराहनीय कहानी लिखी थी। विदेश जा रहे पंजाब के युवाओं पर फिल्म में युवाओं के लिए एक बड़ा संदेश था- पंजाब में रहो और यहां अपने सपने पूरे करो। दुर्भाग्य से, कुछ मुद्दों के कारण फिल्म कभी रिलीज़ नहीं हुई लेकिन शूटिंग पूरी हो गई। भगवंत मान और दलजीत कौर ने इसमें साथ काम किया था…’