Breaking News
-
अमेरिका का ट्रंप प्रशासन लगातार कई देशों को टारगेट कर रहा है। अब उसने ईरानी…
-
राजद नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने नालंदा के इस्लामपुर में…
-
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने अपने सलाहकारों को निर्देश दिए है…
-
कश्मीर एकजुटता दिवस एक कैलेंडर कार्यक्रम है जो 5 फरवरी को पाकिस्तान में रावलपिंडी और…
-
राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को जबरदस्त राजनीतिक ड्रामा सामने आया जब भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी)…
-
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) एमएलसी के कविता ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र और कांग्रेस…
-
आज अहमदाबाद में उद्योगपति गौतम अडानी के छोटे बेटे जीत अडानी शादी के अटूट बंधन…
-
दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे शनिवार 8 फरवरी को आएंगे। वोटों की गिनती…
-
ढाका विश्वविद्यालय के लोक प्रशासन विभाग के प्रोफेसर नजमुल अहसन कलीमुल्लाह ने स्वीकार किया कि…
-
फरीदाबाद । केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने 38वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प…
मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सलाह दी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह समझना चाहिए कि सत्ता आती है और चली जाती है। देश में कई तरह की लड़ाइयां शुरू होने वाली हैं। सत्यपाल मलिक ने यह भी कहा है कि अगर किसान दोबारा आंदोलन करते हैं तो युवा भी केंद्र सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे। सत्यपाल मलिक राजस्थान विश्वविद्यालय छात्र संघ के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। मलिक ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि“प्रधानमंत्री मोदी को समझना चाहिए कि सत्ता आती है और चली जाती है।
मलिक ने कहा कि इंदिरा गांधी ने भी सत्ता गंवाई। लेकिन, लोग बोलते हैं और उन्हें कोई नहीं रोक सकता। एक दिन तुम भी चले जाओगे। इसलिए स्थिति को इतना खराब न करें कि इसमें सुधार किया जा सके। सत्यपाल मलिक ने ‘अग्निपथ’ योजना पर भी केंद्र सरकार की आलोचना की है। “अग्निपथ योजना सेना को कमजोर कर सकती है। सैनिकों में तीन साल की सेवा के बाद त्याग की भावना नहीं होगी। अग्निवीर सैनिकों को ब्रम्होस्त्र तथा अन्य प्रक्षेपास्त्रों एवं शस्त्रों को छूने की अनुमति नहीं होगी। इसलिए, ‘अग्निपथ’ योजना सेना को बर्बाद कर रही है।
मलिक ने कहा कि इंदिरा गांधी भी एक जमाने में बहुत पावरफुल थी, लेकिन उनकी सत्ता भी चली गई, जबकि काफी लोगों का दावा था कि उन्हें कोई सत्ता से दूर नहीं कर सकता। इसी तरह एक दिन आप भी चले जाएंगे। लिहाजा बेहतर होगा कि हालात इस कदर न बिगाड़ें कि उसे दोबारा सुधारा न जा सके।