हिमाचल प्रदेश में नादौन निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार के विधायक और राज्य में कांग्रेस की चुनाव समिति के प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल में पार्टी की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए तमाम तैरते नामों के बीच मजबूती के साथ उभरे। सीएम पद की रेस में उनके मुकाबले अन्य दो नेता कांग्रेसी नेता हिमाचल पीसीसी प्रमुख मुकेश अग्निहोत्री और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह थीं। लेकिन सभी को पीछे छोड़ते हुए सुखविंदर सिंह सुक्खू सीएम के लिए कांग्रेस की तरफ से पहली पसंद बन गए। प्रतिभा सिंह के समर्थक विधायक मुकेश अग्निहोत्री को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा। रविवार को सुबह 11 बजे शपथ ग्रहण समारोह होगा। हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणाम आने के साथ ही राज्य में पार्टी के कई गुट उभर कर सामने आए। बाद में कहा गया कि पार्टी आलाकमान मुख्यमंत्री के फैसले पर अंतिम फैसला करेगा।
एनएसयूआई से की शुरुआत
नादौन के मूल निवासी, सुक्खू ने लॉ की डिग्री प्राप्त की है। जिसके बाद वो कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई में शामिल हो गए और 1989 में इसकी राज्य इकाई के अध्यक्ष चुने गए। 1998-2008 के बीच, उन्होंने राज्य युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया। सुक्खू 1992 और 2002 के बीच की अवधि में दो बार शिमला नगर निगम के पार्षद चुने गए। युवा कांग्रेस के साथ रहने के बाद, वह 2008 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव बने। सुक्खू अपने समय-प्रबंधन कौशल और लोकप्रियता के लिए जाने जाते हैं। सुक्खू को 2013 में पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था। उन्होंने अपना पहला विधानसभा चुनाव 2003 में नादौन से लड़ा था, 2007 और 2017 में सीट जीती थी।
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पार्टी-काडर में कैसी है पकड़
कई अन्य नेताओं की तरह, सुक्खू ने छात्र राजनीति में अपना करियर शुरू किया और प्रदेश अध्यक्ष के पद तक पहुंचे। 58 वर्षीय नेता पिछले कुछ वर्षों में स्थानीय लोगों और पार्टी कैडर के बीच एक समर्थन आधार विकसित करने में सक्षम रहे हैं। पार्टी में उनकी स्थिति विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव अभियान समिति के प्रमुख के रूप में स्पष्ट थी। हिमाचल के परिणाम आने के बाद से ही सुक्खू लगातार विधायकों के संपर्क में बने रहे। उन्होंने 20 से 21 विधायकों के साथ बैठक भी की।
वीरभद्र सिंह के विरोधी के रूप में है पहचान
सुक्खू कांग्रेस से दशकों से जुड़े हुए हैं, लेकिन हमेशा से उनकी पहचान वीरभद्र सिंह के विरोधी गुट के नेता के तौर पर रही है। उन्होंने वीरभद्र सिंह के कई फैसलों का विरोध भी सार्वजनिक तौर पर किया था। वीरभद्र सिंह के विरोध के बावजूद न केवल उन्होंने हमीरपुर के नदौन से चुनाव लड़ा व जीता भी। इसके साथ ही वो लगातार 6 सालों तक प्रदेश अध्यक्ष के पद पर भी बने रहे।
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हमीरपुर में कांग्रेस का रहा शानदार प्रदर्शन
जिले की पांच विधानसभा सीटों में से चार पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की, जबकि हमीरपुर सीट पर एक निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की। यानी पूरी की पूरी सीट बीजेपी मुक्त हो गई। जीतने वाले कांग्रेस उम्मीदवारों में नादौन में सुखविंदर सिंह सुक्खू, बरसर में इंदर दत्त लखनपाल, सुजानपुर में राजिंदर राणा और भोरंज में सुरेश कुमार शामिल हैं। सुक्खू ने अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी भाजपा के विजय अग्निहोत्री को 3,363 मतों के अंतर से हराया जबकि इंदर दत्त लखनपाल ने भाजपा प्रत्याशी माया शर्मा को 13,792 मतों के अंतर से हराया।